करनाल- इशिका ठाकुर, India News (इंडिया न्यूज), Kalpana Chawla Medical College : विधानसभा की विषय समिति करनाल में पहुंची जहां पर उन्होंने तीन संस्थाओं का ग्राउंड लेवल पर जायजा लिया और वहां पर निरीक्षण किया कि वहां की व्यवस्था किस प्रकार की है और कर्मचारियों के द्वारा कैसे काम किया जा रहा है । समिति के द्वारा इसका जायजा लेकर अधिकारियों की बैठक भी ली गई है और उसे बैठक के बाद यहां की व्यवस्थाओं की रिपोर्ट बनाकर सरकार के सामने रखी जाएगी।
शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी विधानसभा की विषय समिति ने शुक्रवार को करनाल के तीन प्रमुख संस्थानों कल्पना चावला गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, सिविल अस्पताल और आईटीआई का ग्राउंड लेवल पर निरीक्षण किया। दौरे से पहले लघु सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक हुई, जिसमें इन संस्थानों की प्रगति, समस्याएं और भविष्य की योजनाओं को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। इसके बाद समिति ने अलग-अलग जगह जाकर व्यवस्थाओं को मौके पर देखा और संबंधित अधिकारियों से सीधी बातचीत की।
समिति अध्यक्ष विधायक राम कुमार कश्यप के नेतृत्व में पहुंचे सदस्यों में विधायक रेनू बाला, इंदुराज सिंह नरवाल, रणधीर पनिहार, डॉ. कृष्ण कुमार, देवेंद्र चतुर्भुज अत्री और हरिंदर सिंह शामिल रहे। इन सभी ने कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज और सिविल अस्पताल में बने विभिन्न वार्ड, लैब, ऑपरेशन थिएटर, महिला वार्ड और रजिस्ट्रेशन काउंटर का निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पताल का रिकॉर्ड भी चेक किया और डॉक्टर्स से सीधी बातचीत करते हुए सेवाओं की स्थिति जानी।
समिति अध्यक्ष राम कुमार कश्यप ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में एक विशेष पशुशाला बनाई जा रही है, जहां कुछ पशु रखे जाएंगे। इनका उपयोग मेडिकल कोर्स के अध्ययन में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह जानकारी पहली बार सामने आई है और इसका निरीक्षण भी किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि अस्पताल में कैंसर के सैंपल लेने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है, जिससे मरीजों को सुविधा मिल रही है।
अल्ट्रासाउंड और सिटी स्कैन मशीनों से जुड़ी समस्याओं पर राम कुमार कश्यप ने कहा कि समिति खुद इस दिशा में जांच करेगी और जहां भी कमी मिलेगी, उसे दूर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हर संस्थान में कुछ न कुछ कमियां होती हैं, पूर्णता केवल ईश्वर के पास होती है। जो भी जरूरी सुधार होंगे, वे रिपोर्ट में शामिल किए जाएंगे और सरकार के सामने रखे जाएंगे।
अस्पतालों के बाद समिति ने करनाल के आईटीआई का दौरा किया, जहां उन्होंने संस्थान की कार्यप्रणाली, मशीनों, क्लासरूम और स्टाफ की उपस्थिति का जायजा लिया। साथ ही छात्राओं और फैकल्टी मेंबर्स से भी बातचीत की गई। यहां मिली समस्याओं और अच्छी व्यवस्थाओं दोनों को समिति ने गंभीरता से दर्ज किया।
दौरे के बाद विधायक जगमोहन आनंद ने कहा कि निरीक्षण के दौरान कुछ खामियां स्टाफ की कमी और आर्थिक पक्षों की वजह से भी मिली हैं। हालांकि कई व्यवस्थाएं पॉजिटिव भी रही हैं। सभी बिंदुओं को रिपोर्ट में शामिल कर सरकार और संबंधित विभागों को भेजा जाएगा ताकि स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर किया जा सके।
विधानसभा की विषय समिति के निरीक्षण के दौरान कॉलेज में एक्सपायर दवाइयां, पंपिंग किट और मेडिकल सामग्री पाई गई। कई दवाइयां 2022, 2023 और 2024 में एक्सपायर हो चुकी थीं। इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज में पड़ी लाखों रुपए की मिट्टी को भी रातों-रात बेच दिए जाने का मामला सामने आया है। यह गंभीर आरोप समिति सदस्य और विधायक इंदुराज सिंह बरौदा ने खुद मौके पर लगाए हैं। उन्होंने कॉलेज डायरेक्टर से संबंधित विभाग के एचओडी को सस्पेंड करने की मांग की और चेतावनी दी कि अगर इस पर कार्रवाई नहीं हुई तो यह मामला विधानसभा में उठाया जाएगा। मेडिकल कॉलेज आज ही नहीं बल्कि तीन साल पहले भी विवादो में अाया था जब पैरा मेडिकल छात्राओं ने ओटी ट्रेनर पर शोषण के आरोप लगाए थे।
जहां एक ओर विधायक इंदुराज मेडिकल कॉलेज की खामियों को सामने रख रहे थे, वहीं समिति के अध्यक्ष और इंद्री से विधायक रामकुमार कश्यप मेडिकल कॉलेज की तारीफों के पुल बांधते नजर आए। पत्रकारों ने जब अल्ट्रासाउंड और सिटी स्कैन में मरीजों की भारी भीड़, रात 12 बजे से लगती लाइनें और दिनभर केवल 15 से 20 स्कैन होने जैसी दिक्कतों पर सवाल किया, तो विधायक रामकुमार कश्यप ने इतना तो जरूर कहा कि इसको देख लेते है लेकिन वे इसे बिना देखे ही गाड़ी में बैठकर निकल गए।
जब पूछा गया कि मेडिकल कॉलेज के दौरे के दौरान कोई कमी मिली है या नहीं, तो उन्होंने किसी भी कमी को सीधे तौर पर नहीं माना और न ही कोई सीधा जवाब दिया, उन्होंने इतना ही कहा कि दुनिया में कोई भी पूर्ण नहीं है, अगर कोई परिपूर्ण है तो वह भगवान है। थोड़ी बहुत कमी तो मिलती ही है। सरकार को भेजी जाएगी विस्तृत रिपोर्टसमिति की ओर से पूरे निरीक्षण की रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेजी जाएगी। रिपोर्ट में अस्पतालों और आईटीआई की व्यवस्थाओं, जरूरतों, खामियों और सुझावों का जिक्र होगा। समिति का उद्देश्य स्पष्ट है—जनता को बेहतर स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाएं मिलें, इसके लिए संस्थानों की व्यवस्थाओं में जरूरी सुधार जल्द हों।
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