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डीएपी खाद के स्टॉक को लेकर सैलजा ने सरकार को घेरा, बोलीं – हरियाणा में खाद का स्टॉक आवश्यकता से अधिक, फिर भी किसान परेशान क्यों ?

India News (इंडिया न्यूज), Kumari Selja : सांसद कुमारी सैलजा ने लोकसभा में पूछे गए अपने प्रश्न (संख्या 2979) के जवाब में कहा है कि केंद्र सरकार ने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया है कि हरियाणा में खरीफ 2025 सीजन के लिए डीएपी खाद की कोई कमी नहीं है और राज्य को आवश्यकता से अधिक खाद उपलब्ध कराई गई है। अगर ऐसा है कि प्रदेश की भाजपा सरकार किसानों को क्यों परेशान करने में लगी हुई है या उसे अन्नदाता किसानों की कोई परवाह नहीं है। किसानों की मेहनत और देश की खाद्य सुरक्षा सीधे तौर पर समय पर खाद उपलब्ध होने पर निर्भर करती है। सरकार को कागजी आंकड़ों से आगे बढ़कर जमीनी हकीकत पर ध्यान देना चाहिए।

  • कहा-सरकार को कागजी आंकड़ों से आगे बढ़कर जमीनी हकीकत पर ध्यान देना चाहिए

कई कई घंटें लाइन में लगने पर पता चला कि खाद नहीं

मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश में डीएपी खाद को लेकर किसान मारा मारा फिर रहा है, कई कई घंटें लाइन में लगने पर पता चला कि खाद नहीं है। प्रदेश के कृषि मंत्री भी दावा करते है कि खाद की कोई कमी नहीं है। प्रदेश में अधिकतर जिलों में डीएपी खाद ब्लैक में बेची जा रही है पर सरकार उन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। सरकार बार बार झूठ बोलकर किसानोंं को गुमराह करने में लगी हुई है। 

कुमारी सैलजा ने कहा है कि खाद की कमी को लेकर उन्होंने लोकसभा में प्रश्न उठाया तो उसके जवाब में निमुबेन जयंतीभाई बांभनिया केंद्रीय राज्य मंत्री, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने कहा कि कृषि और किसान कल्याण विभाग (डीए एंड एफडब्ल्यू) की आवश्यकता के अनुसार, उर्वरक विभाग राज्यों को पर्याप्त मात्रा में उर्वरक आवंटित करता है, जिसे मासिक आपूर्ति योजना और उपलब्धता की निरंतर निगरानी के माध्यम से सुनिश्चित किया जाता है।

हालांकि, राज्य के अंदर जिला स्तर पर उर्वरकों का वितरण राज्य सरकार द्वारा किया जाता है। खरीफ 2025 सीजन के लिए हरियाणा की आवश्यकता 2.83 लाख मीट्रिक टन आंकी गई, जबकि प्रोराटा आवश्यकता 1.57 लाख मीट्रिक टन थी। इसके मुकाबले उपलब्धता 1.59 लाख मीट्रिक टन बताई गई है, और 30 जुलाई 2025 तक 0.33 लाख मीट्रिक टन का स्टॉक भी शेष है।

किसानों को समय पर और पर्याप्त मात्रा में खाद क्यों नहीं मिल रही?

इस पर सांसद कुमारी सैलजा ने सवाल उठाया कि अगर केंद्र सरकार के मुताबिक डीएपी खाद का स्टॉक आवश्यकता से अधिक है,  तो किसानों को समय पर और पर्याप्त मात्रा में खाद क्यों नहीं मिल रही? क्यों किसानों को खाद वितरण केंद्रों पर लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है और कई बार खाली हाथ लौटना पड़ता है? यह स्थिति बताती है कि या तो वितरण व्यवस्था में गंभीर खामियां हैं, या फिर जमीनी स्तर पर उपलब्धता के आंकड़े हकीकत से अलग हैं।

पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी

सांसद कुमारी सैलजा ने कहा किसानों को समय पर और पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है। केंद्र और राज्य सरकार को मिलकर तत्काल प्रभाव से वितरण व्यवस्था में सुधार करना चाहिए, ताकि किसानों को फसल के महत्वपूर्ण समय में किसी प्रकार की परेशानी न हो। कुमारी सैलजा ने कहा कि किसानों की मेहनत और देश की खाद्य सुरक्षा सीधे तौर पर समय पर खाद उपलब्ध होने पर निर्भर करती है। सरकार को कागजी आंकड़ों से आगे बढ़कर जमीनी हकीकत पर ध्यान देना होगा।  

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