India News (इंडिया न्यूज), Gurugram News : मिलेनियम सिटी गुरुग्राम की नागरिक सुविधाओं में सुधार के लिए हरियाणा सरकार गंभीर है और इस बात का अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर बीते पांच दिनों से गुरुग्राम में हैं । वें यहाँ विभिन्न संगठनों से बैठकें कर रहे हैं और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों व नागरिकों की समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं । इसी फीडबैक के आधार पर उन्होंने अधिकारियों को शहर वासियों की समस्याओं का समाधान करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर ने अधिकारियों की टीम के साथ रविवार की शाम बसई और धनकोट का दौरा किया। उन्होंने गांव धनकोट में करीब एक घंटे तक पैदल सड़क का निरीक्षण किया और अधिकारियों के साथ सड़क के सुदृढीकरण पर व्यापक विचार विमर्श किया। डीसी अजय कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि पीडबल्यूडी द्वारा इस सड़क का निर्माण किया जाना है।
संबंधित विभाग की और से अगले सप्ताह द्वारका एक्सप्रेस वे से धनकोट तक सड़क निर्माण के लिए पांच करोड़ रुपए की अनुमानित लागत का टेंडर खोला जाएगा और गांव धनकोट से गुजरने वाली केनाल पर एक 2.5 करोड़ रुपए की लागत से नया पुल बनाया जाएगा। इसी सप्ताह नए पुल के लिए टेंडर लगाया जाएगा। इस दौरान मंडल आयुक्त आर सी बिढ़ान, जीमडीए के सीईओ श्यामल मिश्रा, नगर निगम के कमिश्नर प्रदीप दहिया व एडिशनल कमिश्नर रविंद्र यादव सहित अन्य अधिकारी साथ रहे।
इससे पहले खुल्लर ने गुरुग्राम के लोक निर्माण विश्राम गृह में जीएमडीए, नगर निगम गुरुग्राम व मानेसर, एचएसवीपी, पुलिस तथा जिला प्रशासन के साथ समीक्षा बैठक में जलभराव, कूड़ा-करकट प्रबंधन, सड़कों पर आवारा पशु, ठोस कचरा प्रबंधन और सड़क ढांचे में सुधार जैसे प्रमुख मुद्दों पर तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधिकारी ज़िम्मेदारी लेकर परिवर्तन के संवाहक बने, जो नागरिकों को स्पष्ट दिखाई दे। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी गुरुग्राम शहर के नागरिकों की हर समस्या के समाधान को लेकर प्रतिबद्ध है, ऐसे में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
मुख्य प्रधान सचिव को बैठक में जीएमडीए अधिकारियों ने बताया कि गुरुग्राम शहर के लिए व्यापक ड्रेनेज प्लान तैयार किया गया है। वर्षा जल निकासी के लिए शहर लेग-1, लेग-2 और लेग-3 तीन मुख्य ड्रेनों पर निर्भर है। लेग-1 और लेग-2 को नजफगढ़ ड्रेन से जोड़ा जा चुका है जबकि लेग-3 को जोड़ने का कार्य 3.5 किमी हिस्से पर प्रगति पर है। पिछले वर्ष के अनुभव के आधार पर 12 प्रमुख जलभराव स्थलों की पहचान कर वहाँ समाधान किया गया है। इन स्थलों में नरसिंहपुर, खंडसा चौक, राजीव चौक, सेक्टर-9, 9A, 10, उमंग भारद्वाज चौक, ताऊ देवी लाल स्टेडियम, सेक्टर-38, ज्वाला मिल रोड, सेक्टर-28 चक्करपुर, लक्ष्मण विहार, सेक्टर 22-23, शीतला माता रोड, कृष्णा चौक, एम्बिएंस मॉल व अरावली ढलानों से आने वाला पानी शामिल है।
इसके अलावा, एनएच-48 पर वर्षों से हो रहे जलभराव की समस्या को कच्चे नाले व आरसीसी ड्रेन निर्माण से दूर किया गया है। शार्ट टर्म प्लानिंग में पंपिंग मशीनें, पाइप सफाई, ग्रीन बेल्ट में जल भंडारण, क्रॉस ड्रेनेज सुधार व रिचार्ज कुओं का निर्माण शामिल है। वहीं लॉन्ग टर्म सोल्यूशन के तहत वर्षा जल संचयन, नए तालाबों का पुनर्जीवन और ग्रीन बेल्ट को जल संरक्षण के लिए विकसित करना शामिल है।
वर्तमान में गुरुग्राम में 408 एमएलडी सीवेज शोधन क्षमता है, जिसे 2028 तक 950 एमएलडी तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है और इन परियोजनाओं पर काम चल रहा है । इसके लिए बजघेड़ा धनवापुर, बहरामपुर, सेक्टर-78 व 107 में एसटीपी निर्माण कार्य प्रगति पर है।
मुख्य प्रधान सचिव ने गुरुग्राम में निर्माणाधीन श्री माता शीतला देवी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के निर्माण की प्रगति के बारे में भी जानकारी ली। जीएमडीए के अधिकारियों ने बताया कि खेड़की माजरा स्थित इस परियोजना का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। 550 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बन रहा यह प्रोजेक्ट दिसंबर 2025 तक स्वास्थ्य विभाग को सौंप दिया जाएगा। इसमें एकेडमिक ब्लॉक, अंडरग्रेजुएट बॉयज़ व इंटरन हॉस्टल, टीचिंग ब्लॉक, अस्पताल, नर्सिंग हॉस्टल व ट्रॉमा सेंटर शामिल होंगे।
खुल्लर ने सड़कों पर घूमते आवारा पशुओं की समस्या पर चिंता जताई और कहा कि ये दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। इसके समाधान हेतु पशुओं को पकड़कर कार्टरपुरी स्थित कामधेनु गौशाला व नंदिशाला या अन्य गौशालाओं में भेजा जाए।
खुल्लर ने कहा कि सड़क किनारे कचरे व मलबे के ढेर शहर की छवि खराब करते हैं। इसके लिए अधिकारियों को ठोस व्यवस्था बनानी होगी। अवैध रूप से कचरा या मलबा डालने वालों पर भारी जुर्माना लगाया जाए और कचरा जलाने वालों को दंडित किया जाए। नगर निगम गुरुग्राम के अधिकारियों ने अवगत कराया कि बीडबल्यूजी (बल्क वेस्ट जनरेटर) को अपने परिसर में ही कचरा निस्तारण करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। वही बसई स्थित 1600 टन प्रति दिन क्षमता वाला ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र संचालित है तथा सेकेंडरी कलेक्शन सेंटर भी विकसित किए जा रहे हैं।
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