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पानीपत से 20,000 करोड़ का एक्सपोर्ट : ‘वोकल फॉर लोकल’ से भारत आत्मनिर्भरता की ओर, 11वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पर हुआ भव्य आयोजन

India News (इंडिया न्यूज), 11th National Handloom Day : वीरवार को राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम लिमिटेड द्वारा 11वां राष्ट्रीय हथकरघा दिवस बड़े ही उत्साह और गरिमा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में करनाल सांसद मनोहर लाल के प्रतिनिधि एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता गजेंद्र सलूजा शामिल हुए, जबकि हरियाणा चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष विनोद धमीजा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

हथकरघा केवल एक उद्योग नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक

मुख्य अतिथि गजेंद्र सलूजा ने केंद्र व राज्य सरकार द्वारा हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही योजनाओं और नीतियों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किस तरह सरकार इस पारंपरिक कला को सशक्त करने के लिए वित्तीय, तकनीकी और विपणन सहायता प्रदान कर रही है। सलूजा ने कहा कि हथकरघा केवल एक उद्योग नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है और ऐसे आयोजनों से इस विरासत को संजोने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया गया है।

बाजार की मांग को ध्यान में रखते हुए अलग और अनूठे डिज़ाइन तैयार करें

हरियाणा चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष विनोद धमीजा ने हथकरघा से जुड़े व्यापारियों और कारीगरों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे अपने उत्पादों में नवीनता लाएं और बाजार की मांग को ध्यान में रखते हुए अलग और अनूठे डिज़ाइन तैयार करें। उन्होंने स्थानीय स्तर पर उत्पादन बढ़ाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने की अपील भी की। विनोद धमीजा ने बताया कि पानीपत से हर साल लगभग 20,000 करोड़ रुपये का एक्सपोर्ट सिर्फ हथकरघा के नाम पर होता है। 

भारत अब सिर्फ एक बाजार नहीं, एक ब्रांड बन चुका

अमेरिका, यूरोप, खाड़ी देश समेत दुनिया के कई बड़े बाज़ारों में ‘मेड इन इंडिया’ टैग के साथ पानीपत के उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है। हरियाणा चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष ने कहा कि  अमेरिका के  राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ भले ही वैश्विक व्यापार पर असर डालने वाले रहे हों, लेकिन भारत के हथकरघा उद्योग की रफ्तार थमी नहीं।

 एक्सपोर्टर्स ने नई रणनीतियाँ अपनाईं, नए बाज़ारों की तलाश की और दूसरे देशों में व्यापार के नए रास्ते खोल दिए। उन्होंने कहा कि भारत अब सिर्फ एक बाजार नहीं, एक ब्रांड बन चुका है और इसी सोच के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नारा “वोकल फॉर लोकल” अब सिर्फ स्लोगन नहीं, एक आंदोलन बन गया है।

पारंपरिक कला को आधुनिक डिजाइन में ढालकर दुनिया के हर कोने तक पहुंचा रहे

इसलिये हथकरघा उद्योग के व्यापारी और कारीगर इस आत्मनिर्भर भारत की भावना को आत्मसात करते हुए पारंपरिक कला को आधुनिक डिजाइन में ढालकर दुनिया के हर कोने तक पहुंचा रहे हैं। कार्यक्रम के अंत में हथकरघा क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कारीगरों को सम्मानित किया गया, जिससे उनमें नई ऊर्जा और उत्साह का संचार हुआ। इस अवसर पर हीरा लाल उपनिदेशक डब्ल्यूएससी पानीपत, धर्मबीर सिंह प्रधान आईआईएमटी एलुमनाई एसोसिएशन पानीपत, एस एस शिंदे रीजनल मैनेजर नेशनल हैंडलूम डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड वह हथकरघा उद्योग से जुड़े कारीगर व्यापारी मौजूद रहे।

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