Categories: Religion

Anant Chaturdashi 2025: इस तारीख को मनाया जाएगा अंनत चतुर्दशी, जानें क्या हैं महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त?

Anant Chaturdashi: भारत विविध परंपराओं और संस्कृतियों का देश है। यहां हर त्योहार केवल धार्मिक दृष्टि से ही महत्वपूर्ण नहीं होता, बल्कि समाज को जोड़ने और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने का भी माध्यम बनता है। इन्हीं पर्वों में से एक है अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi), जो भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा और गणेश उत्सव के समापन के लिए जाना जाता है। इस वर्ष अनंत चतुर्दशी का पर्व 6 सितंबर, शनिवार को मनाया जाएगा।

अनंत चतुर्दशी का महत्व (Importance of Anant Chaturdashi)

अनंत चतुर्दशी का अर्थ ही है “अनंत” यानी असीम और “चतुर्दशी” यानी चंद्र मास की चौदहवीं तिथि। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित है और मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से जीवन के सारे दुख-दर्द समाप्त होकर सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। साथ ही, दस दिनों तक चले गणेश उत्सव का समापन भी इसी दिन धूमधाम से गणेश विसर्जन के साथ होता है।

अनंत सूत्र का प्रतीकात्मक महत्व

इस दिन पूजा के दौरान एक विशेष धागा बांधा जाता है जिसे अनंत सूत्र कहते हैं। यह लाल-पीले रंग का पवित्र धागा होता है, जिसमें चौदह गांठें लगाई जाती हैं। ये गांठें भगवान विष्णु द्वारा रचित चौदह लोकों का प्रतीक मानी जाती हैं। इस सूत्र को महिलाएं बाएं हाथ में और पुरुष दाएं हाथ में धारण करते हैं। माना जाता है कि इसे पहनने से व्यक्ति को अनंत आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं।

अनंत चतुर्दशी का शुभ मुहुर्त (Anant Chaturdashi Shubh muhurat)

  • तिथि प्रारंभ: 6 सितंबर सुबह 3:12 बजे
  • तिथि समापन: 7 सितंबर रात्रि 1:41 बजे
  • पूजन मुहूर्त: 6 सितंबर शाम 6:02 बजे से 7 सितंबर रात्रि 1:41 बजे तक

गणेश विसर्जन के प्रमुख मुहूर्त (Ganesh Visarjan Shubh muhurat)

  • प्रातः मुहूर्त (शुभ) – सुबह 7:36 से 9:10 बजे तक
  • अपराह्न मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) – दोपहर 12:19 से शाम 5:02 बजे तक
  • सायाह्न मुहूर्त (लाभ) – शाम 6:37 से रात 8:02 बजे तक
  • रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) – रात 9:28 से 7 सितंबर रात 1:45 बजे तक
  • उषाकाल मुहूर्त (लाभ) – 7 सितंबर सुबह 4:36 से 6:02 बजे तक

अनंत चतुर्दशी की पूजन विधि (Anant Chaturdashi Pujan Vidhi)

1. प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

2. घर के पवित्र स्थान पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।

3. पूजा में रोली, चावल, फूल, फल, मिठाई और तांबे का पात्र उपयोग करें।

4. भगवान विष्णु का ध्यान कर अनंत सूत्र को पूजा के बाद हाथ में बांधें।

5. इसके बाद अनंत चतुर्दशी की कथा का श्रवण करें।

6. अंत में आरती कर प्रसाद वितरित करें और परिवार सहित भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करें।

shristi S

Recent Posts

UK government was hacked in October, minister confirms

LONDON, Dec 19 (Reuters) - British trade minister Chris Bryant said the government had been…

1 hour ago

Joshua and Paul face off at ceremonial weigh in on eve of fight

VIDEO SHOWS: ANTHONY JOSHUA AND JAKE PAUL CEREMONIAL WEIGH IN. SOUNDBITE FROM JOSHUA AND PAUL.…

2 hours ago

The Coca-Cola Santa Claus: Who created St. Nick as we know him today?

Some people claim that without Coca-Cola, there would be no Santa Claus as we know…

3 hours ago

SITME 2026 – Embroidery Machinery Expo to Be Held at Sarsana, Surat

Surat (Gujarat) [India], December 18: The Southern Gujarat Chamber of Commerce & Industry (SGCCI), in…

3 hours ago