Car Insurance Claim: राजधानी दिल्ली में सोशल मीडिया पर महिंद्रा थार का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसने सभी को हैरान कर दिया है. इस वीडियो में एक महिला अपनी बिल्कुल नई थार को शोरूम की पहली मंजिल से सीधा नीचे ले गई. इसके बाद नतीजा ये हुआ कि कार पलट गई, उसके एयरबैग खुल गए और वहां मौजूद लोग दंग रह गए. महिला ने यह थार तकरीबन 27 लाख रुपये में खरीदी थी, हालाँकि डिलीवरी वाले दिन ऐसा हादसा हुआ कि खुशी का क्षण भर में गम में तब्दील गया. अब इसमें सबसे बड़ा प्रश्न यह उठ रहा है कि इस भारी नुकसान की भरपाई कैसे होगी और क्या बीमा कंपनी इस पर क्लेम देगी.
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कैसे हुआ यह हादसा
सबसे पहले आपको बताते हैं कि यह हादसा कैसे हुआ – यह घटना दिल्ली के निर्माण विहार इलाके में स्थित एक महिंद्रा शोरूम की है. महिला अपनी नई थार की डिलीवरी लेने आई थी. पहली मंजिल पर खड़ी कार की पूजा की गई, नींबू रखने की रस्म भी निभाई गई, लेकिन जैसे ही महिला ने कार आगे बढ़ाई, वह उस पर नियंत्रण नहीं रख पाई और कार नींबू के साथ शोरूम का शीशा तोड़ते हुए नीचे गिर गई. थार ज़मीन पर पलट गई, लेकिन गनीमत रही कि एयरबैग खुल गए और महिला और वहाँ मौजूद शोरूम कर्मचारी बाल-बाल बच गए. इस हादसे ने सबको झकझोर कर रख दिया और नई खरीदी गई थार बुरी तरह चकनाचूर हो गई.
क्या बीमा कवर मिलेगा?
इस घटना के बाद, ज़्यादातर लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या महिला को इस नुकसान की भरपाई के लिए बीमा मिलेगा। दरअसल, नई कार की डिलीवरी से पहले ही शोरूम द्वारा उसका बीमा करा लिया जाता है. यह खर्च ग्राहक को उठाना पड़ता है. यानी तकनीकी रूप से जैसे ही कार महिला को डिलीवर हुई, उसी क्षण से बीमा सक्रिय हो गया.
मिल सकता है इंश्योरेंस क्लेम
इसलिए, इस मामले में महिला को बीमा दावा मिल सकता है. हालाँकि, बीमा कंपनी घटना की जाँच ज़रूर करेगी. उन्हें यह देखना होगा कि दुर्घटना वास्तव में दुर्घटना थी या लापरवाही. चूँकि यह घटना नियंत्रण खोने के कारण हुई थी और इससे जान-माल का बड़ा नुकसान हो सकता था, इसलिए इसे एक दुर्घटना माना जाएगा. ऐसे मामलों में, बीमा कंपनी मरम्मत का खर्च वहन करती है, लेकिन ग्राहक को डिडक्टिबल (कुछ डिफ़ॉल्ट हिस्सा) खुद चुकाना पड़ता है.
क्लेम प्रक्रिया क्या है?
अगर किसी नई कार का एक्सीडेंट होता है, तो बीमा कंपनी को तुरंत सूचित किया जाना चाहिए. इसके बाद, कंपनी का सर्वेक्षक मौके पर जाकर नुकसान का आकलन करता है. फिर कार को मरम्मत के लिए पंजीकृत सर्विस सेंटर भेज दिया जाता है.
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