UP Crime: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां फर्नीचर और मूर्तियां बनाने का काम करने वाले पांच युवक धीरे-धीरे अपराध की दुनिया में उतर गए। कारोबार में लगातार घाटा और आर्थिक दबाव ने इन्हें ऐसा रास्ता चुनने पर मजबूर कर दिया, जिसका अंजाम आखिरकार पुलिस गिरफ्तारी में हुआ।
कैसे की अपराध की शुरुआत?
जानकारी के मुताबिक, पकड़े गए आरोपियों की पहचान सोहिल, अमन, खालिद, हारून और फराज के रूप में हुई है। इनमें सोहिल और अमन इस गिरोह के मुख्य सरगना बताए जा रहे हैं। पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि जब उनके पारंपरिक धंधे से आमदनी घटने लगी तो उन्होंने त्वरित कमाई के लिए अपराध को रास्ता बना लिया।
कैसे देते थे वारदात को अंजाम?
पुलिस जांच में सामने आया कि गिरोह के सदस्य एटीएम में आने वाले ग्राहकों को निशाना बनाते थे। वे अपने पास क्लोरोफॉर्म की बोतल रखते और कपड़े में भिगोकर लोगों को सुंघा देते। ग्राहक बेहोश होते ही आरोपी उनका डेबिट कार्ड बदल लेते और फिर खाते से पैसे निकालकर फरार हो जाते।
आगरा में खुला राज
यह गिरोह तब पुलिस के राडार पर आया जब 5 अगस्त को आगरा के सिकंदरा क्षेत्र स्थित एचडीएफसी बैंक एटीएम पर एक व्यक्ति इनके जाल में फंस गया। गिरोह ने ग्राहक को बातों में उलझाया, फिर बेहोश किया और कार्ड बदलकर उसके खाते से 20 हजार रुपये निकाल लिए। घटना की पुष्टि सीसीटीवी फुटेज से हुई, जिसमें आरोपी स्कूटर से एटीएम के बाहर जाते हुए साफ नजर आए।
52 डेबिट कार्ड के अलावा ये चीजे हुई बरामद
आगरा के एसीपी हरी पर्वत अक्षय संजय महाडिक के नेतृत्व में पुलिस ने छापेमारी कर पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। उनके कब्जे से 52 डेबिट कार्ड, नकदी, एक कार और तमंचे बरामद किए गए। जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि इस गैंग ने दिल्ली-एनसीआर ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों में भी कई वारदातों को अंजाम दिया है।