Lucknow Families on Nepal Violence: पड़ोसी देश नेपाल में हाल ही में भड़की हिंसा और तख्तापलट ने वहां की राजनीतिक और सामाजिक स्थिति को हिला दिया है। राजधानी काठमांडू समेत कई शहरों में हिंसा और आगजनी की घटनाओं ने न केवल नेपाल बल्कि भारत के सीमावर्ती राज्यों में भी चिंता का माहौल पैदा कर दिया है. खासकर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ऐसे परिवारों की बेचैनी बढ़ गई है, जिनके रिश्तेदार नेपाल में रहते और काम करते हैं.
लखनऊ के परिवारों की बेचैनी
लखनऊ के PGI इलाके में रहने वाले दुर्गेश सिंह दीपू के रिश्तेदार काठमांडू में रहते हैं. उन्होंने बताया कि बीते दो दिनों से लगातार फोन और वीडियो कॉल के जरिए परिजनों से संपर्क बनाए रखना ही उनका सहारा है. परिजनों ने उन्हें बताया कि हालात बेहद भयावह हैं, हिंसा में छोटे बच्चों तक की जान चली गई और लोग अपने घरों से बाहर निकलने में डरने लगे.
नेपाल से मिले संकेत
इंडिया न्यूज़ ने काठमांडू के स्थानीय निवासियों से बातचीत की. वहां से मिली जानकारी ने स्पष्ट किया कि हिंसा का डर अब भी बना हुआ है. हालांकि हालात में हल्का सुधार दिखाई दे रहा है, लेकिन सामान्य स्थिति लौटने में अभी समय लग सकता है. दिलचस्प बात यह है कि नेताओं और मंत्रियों के घरों को आग के हवाले किए जाने की घटना को लेकर जनता में गुस्से के साथ-साथ राहत की भावना भी देखी जा रही है. लोगों का मानना है कि भ्रष्टाचार लंबे समय से देश की सबसे बड़ी समस्या रहा है और यही जनता के आक्रोश का मुख्य कारण है.
भारत में गहरी चिंता
नेपाल में घट रही घटनाओं ने लखनऊ और उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों में बसे उन परिवारों की चिंता बढ़ा दी है, जिनके प्रियजन नेपाल में रहते हैं. दुर्गेश सिंह दीपू जैसे लोग हर पल अपने परिजनों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और भगवान से दुआ कर रहे हैं.
फिलहाल नेपाल सरकार हालात पर काबू पाने की कोशिश कर रही है. लेकिन डर और असुरक्षा की भावना अभी भी वहां के नागरिकों में बनी हुई है. भारत-नेपाल के घनिष्ठ रिश्तों को देखते हुए यहां के लोग भी नेपाल की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं.