Categories: Madhya Pradesh

Madhya Pradesh news: मध्य प्रदेश में खाद वितरण के दौरान मची भगदड़, आधा दर्जन महिलाएं घायल

Women injured in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के विंध्य क्षेत्र में इन दिनों किसानों के बीच खाद संकट (Fertilizer Crisis) गहराता जा रहा है। हर जगह खाद वितरण केंद्रों पर लंबी कतारें और अफरातफरी देखी जा रही है। प्रशासन खाद की पर्याप्त उपलब्धता का दावा करता है, लेकिन जमीनी स्तर पर स्थिति कुछ और ही नजर आती है। इसी कड़ी में मंगलवार को रीवा जिले के सिरमौर जनपद अंतर्गत उमरी स्थित एक निजी महाविद्यालय परिसर में बड़ा हादसा टलते-टलते रह गया, जब खाद और टोकन वितरण के दौरान भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में आधा दर्जन से अधिक महिलाएं व पुरुष घायल हो गए।

कैसे हुई घटना?

मंगलवार सुबह से ही उमरी के निजी महाविद्यालय परिसर में बड़ी संख्या में किसान खाद व टोकन लेने पहुंचे थे। वितरण प्रक्रिया को लेकर पहले से ही किसानों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। एक दिन पूर्व टोकन बांटने की व्यवस्था जिस स्थान पर की गई थी, किसानों की भीड़ उसी जगह जमा हो गई। लेकिन इस बार प्रशासन ने वितरण स्थल बदल दिया था। टोकन और खाद वितरण (Fertilizer Distribution) के अलग-अलग स्थान तय किए गए, जिससे किसानों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई।
गवाहों के अनुसार, जब तक गेट बंद रहा तब तक किसान बाहर इंतजार करते रहे। अचानक गेट खोले जाने पर भीड़ बेकाबू हो गई और धक्का-मुक्की के बीच भगदड़ (Stampede) मच गई। इस अफरातफरी में कई महिलाएं और पुरुष गिर पड़े और घायल हो गए। ज्यादातर महिलाएं चोटिल हुई हैं जिन्हें तत्काल सिरमौर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया।

क्या हैं प्रशासन की प्रतिक्रिया?

घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस बल मौके पर पहुंच गए। स्थिति को नियंत्रित किया गया और किसानों को समझाकर व्यवस्था बहाल की गई। अपर कलेक्टर सपना त्रिपाठी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि भ्रम और अव्यवस्था के कारण भीड़ बेकाबू हो गई थी। फिलहाल सभी घायलों का उपचार किया जा रहा है और खाद वितरण की व्यवस्था को सुचारु करने के निर्देश दिए गए हैं।

क्या हैं खाद संकट का मामला?

हाल के दिनों में रीवा सहित विंध्य क्षेत्र में खाद की उपलब्धता किसानों के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। खरीफ और रबी सीजन में किसान खाद पर निर्भर रहते हैं, लेकिन वितरण व्यवस्था की खामियों के चलते उन्हें अक्सर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। प्रशासन द्वारा पर्याप्त भंडारण और वितरण का दावा किया जाता है, लेकिन भीड़ और अव्यवस्था से हालात बिगड़ जाते हैं।
shristi S

Share
Published by
shristi S

Recent Posts

Dadasaheb Phalke International Film Festival Awards 2025: Winners List

Mumbai (Maharashtra) [India], November 3: Marking a grand celebration of cinematic brilliance, Dadasaheb Phalke International…

1 hour ago

Skipping breakfast does not harm thinking skills, scientists say

London (PA Media/dpa) - Skipping breakfast or another meal while fasting does not slow down thinking…

2 hours ago

'Wild at Heart' actress Diane Ladd dies at 89

By Patricia Reaney (Reuters) -American actress Diane Ladd, a triple Academy Award nominee for her…

4 hours ago

'Wild at Heart' actress Diane Ladd dies at 89

By Patricia Reaney (Reuters) -American actress Diane Ladd, a triple Academy Award nominee for her…

5 hours ago

'Wild at Heart' actress Diane Ladd dies at 89

By Patricia Reaney (Reuters) -American actress Diane Ladd, a triple Academy Award nominee for her…

5 hours ago