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उफान पर यमुना : नहरी विभाग में मचा हड़कंप, बिलासपुर बांध व हथवाला घाट के आसपास भूमि कटाव ने बरपाया कहर

हथिनीकुंड बैराज से शुक्रवार व शनिवार को यमुना में समय के अनुसार 1 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ गया है जिससे एक बार फिर यमुना उफान पर होने के कारण नहरी विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। फिलहाल स्थिति यह है कि यमुना उफान पर होने से गांव बिलासपुर बांध के अंदर करीब 10 -12 एकड़ आगे डेढ़ किलोमीटर के एरिया में भूमि कटाव ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है, जिसमें 40 से 50 एकड़ में खड़ी ईख ज्वार व सब्जी की फसल बर्बाद होने के अलावा जमीन आहिस्ता-आहिस्ता कट कर यमुना के पानी में समा गई जबकि दूसरी तरफ भी कटाव का कहर जारी है।

Written By: Anurekha Lambra
Last Updated: August 30, 2025 20:52:10 IST

India News (इंडिया न्यूज), Yamuna In Spate : हथिनीकुंड बैराज से शुक्रवार व शनिवार को यमुना में समय के अनुसार 1 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ गया है जिससे एक बार फिर यमुना उफान पर होने के कारण नहरी विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। फिलहाल स्थिति यह है कि यमुना उफान पर होने से गांव बिलासपुर बांध के अंदर करीब 10 -12 एकड़ आगे डेढ़ किलोमीटर के एरिया में भूमि कटाव ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है, जिसमें 40 से 50 एकड़ में खड़ी ईख ज्वार व सब्जी की फसल बर्बाद होने के अलावा जमीन आहिस्ता-आहिस्ता कट कर यमुना के पानी में समा गई जबकि दूसरी तरफ भी कटाव का कहर जारी है।

  • नहरी विभाग के कार्यकारी अभियंता ने एसडीओ के हथवाला घाट व आसपास के क्षेत्र का दौरा किया
  • भूमि कटाव होने पर मिट्टी से भरे कट्टो की व्यवस्था करने के आदेश दिए

मिट्टी से भरे कट्टों लगाने के आदेश दिए

जिसकी पुष्टि गांव बिलासपुर के पूर्व सरपंच के बेटे दलबीर दुहन ने की है। वहीं नहरी विभाग के कार्यकारी अभियंता सुरेश सैनी ने शनिवार को एसडीओ सतीश कुमार के साथ गांव हथवाला घाट व उसके आसपास के क्षेत्र का दौरा करते हुए स्थिति का जायजा लिया जिसमें नई ठोकर के नीचे कटाव होने के अलावा हथवाला व राकसेडा रकबे की सीमा के पास कटाव होने पर कार्यकारी अभियंता ने रोकने के लिए मिट्टी से भरे कट्टों लगाने के आदेश दिए।

मौसम विभाग की भविष्यवाणी सच साबित हुई

यहां उल्लेखनीय है कि करीब 2 साल बाद यमुना उफान पर है।  नहरी विभाग की ओर से गांव हथवाला घाट से कुछ की दूरी पर करीब एक करोड़ 54 लाख की लागत से पांच नई ठोकर के अलावा करीब 200 फुट की लंबाई में रिवेटमेंट बनाई गई थी लेकिन 2024 में यमुना उफान पर न होने के कारण सामान्य तौर पर पानी की जलधारा बहती रही। पिछले दिनों झमाझम बारिश होने के संकेत मिलने पर आखिरकार मौसम विभाग की भविष्यवाणी सच साबित हुई और पहाड़ों पर भी बरसात के चलते पिछले दिनों हथिनीकुंड बैराज से समय के अनुसार यमुना में पानी छोड़ा गया जिससे यमुना उफान पर होने के कारण नहरी विभाग की ओर से कटाव को रोकने के लिए मिट्टी से भरे कट्टे आदि इंतजाम किए गए लेकिन इसके बावजूद भी यमुना के पानी ने विभाग की उम्मीदों पर पानी फेरने का काम किया और हथवाला घाट से कुछ दूरी के अलावा गांव राकसेडा रकबे में भूमि कटाव ने कहर बरपाया।

अगस्त व सितंबर महीने में यमुना उफान पर होने की संकेत मिल रहे थे

दरअसल इस बार अगस्त व सितंबर महीने में यमुना उफान पर होने की संकेत मिल रहे थे। विभाग का मानना था कि इस बार कटाव को रोकने के लिए भरसक प्रयास किए गए हैं लेकिन कहते हैं कि पानी अपना रास्ता ढूंढ लेता है और यमुना के साथ लगते क्षेत्र में जगह-जगह कटाव होने के मामले सामने आए जिसमें गांव राकसेडा का रकबा शामिल है। सिंभलगढ के सरपंच सतीश कुमार की ओर से साफ कहा गया था कि यहां पर कटाव को रोकने के लिए नहरी विभाग की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई और  इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है जिनकी हरियाणा की तरफ खड़ी काफी फसल बर्बाद हो गई  लेकिन जल स्तर कम होने पर भी कटाव का कहर जारी है जिसको लेकर किसानों की चिंता सताए जा रही हैं। करीब 2 साल पहले नहरी विभाग के अधिकारियों को यहां पर पांच नई ठोकर व पुरानी ठोकर की रिपेयरिंग करवाने की मांग की गई थी लेकिन आज तक कुछ नहीं हो पाया।

भूमि कटाव ने खड़ी फसल को अपनी चपेट में ले लिया

उधर गांव बिलासपुर की पूर्व सरपंच के बेटे दलबीर दुहन के मुताबिक पिछले कई दिनों से यमुना में पानी का जलस्तर कम हो रहा है लेकिन शुक्रवार को फिर से यमुना का जलस्तर बढ़ जाने से बांध के अंदर 10 -12 एकड़ आगे करीब डेढ़ किलोमीटर के एरिया में भूमि कटाव ने खड़ी फसल को अपनी चपेट में ले लिया अब तक करीब 40 -50 एकड़ में खड़ी ईख ज्वार व सब्जी की फसल बर्बाद होने के अलावा जमीन कटकर यमुना के पानी में समा गई जबकि दूसरी तरफ भी कटाव का कहर जारी है लेकिन अभी तक यहां पर कटाव को रोकने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई। आशंका है कि इस बार भी सितंबर महीने में यमुना उफान पर हो सकती है जिसके कयास लगाए जा रहे हैं।  

नजर रखने के लिए 6 बेलदारों की ड्यूटी लगाई गई

उधर गांव राकसेडा निवासी रामकिशन ने बताया कि यमुना उफान पर होने के कारण शाम के समय रकबे में कटाव शुरू हो गया है जिसका आंकलन किया जा रहा है। नहरी विभाग के जेई प्रदीप कुमार ने बताया कि आज गांव हथवाला घाट पर विभाग के कार्यकारी अभियंता सुरेश सैनी ने एसडीओ सतीश कुमार के साथ दौरा करते हुए स्थिति का जायजा लिया जिसमें घाट से कुछ दूरी पर बनाई गई ठोकर के नीचे कुछ कटाव होने के अलावा अंतिम ठोकर के पास हथवाला व राकसेडा की सीमा के बीच कटाव होने पर मिट्टी से भरे कट्टे लगाने के आदेश दिए उन्होंने बताया कि कटाव को रोकने के लिए यहा  पर लगभग 10000 मिट्टी से भरे कट्टे रविवार को रखे जाएंगे। उन्होंने बताया कि शुक्रवार व शनिवार को यमुना में 1 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है जिसको लेकर स्थिति पर नजर रखने के लिए 6 बेलदारों की ड्यूटी लगाई गई है। उन्होंने बताया कि खेतों की तरफ जाने वाले रास्ते पर यमुना का पानी खड़ा हो गया। 

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