India News (इंडिया न्यूज), Panipat Yamuna At Danger Mark : हथिनीकुंड बैराज से सोमवार सुबह छोड़े गए 3 लाख 29 हजार क्यूसेक पानी का असर मंगलवार को यमुना में दिखा। यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से आधा मीटर ऊपर पहुंच गया। उफनती लहरें और शोर मचाता पानी आसपास के ग्रामीणों में दहशत का माहौल पैदा कर रहा है। कैराना व चौसाना क्षेत्र में हजारों बीघा सब्जी, गन्ना और चारे की फसलें जलमग्न हो गईं। किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया और अब उनकी नजर सरकार व प्रशासन की ओर है। सोमवार सुबह 9 बजे पानी का दबाव बढ़ने पर हथिनीकुंड बैराज के सभी गेट खोल दिए गए थे। इसके चलते यमुना का जलस्तर 232.10 मीटर तक पहुंच गया, जबकि खतरे का निशान 231.5 मीटर है।
तेज बहाव के कारण हालात चिंताजनक बने हुए
हालांकि, रात तक डिस्चार्ज घटकर मंगलवार शाम पांच बजे डेढ़ लाख क्यूसेक से भी कम रह गया। इसके बावजूद तेज बहाव के कारण हालात चिंताजनक बने हुए हैं। जिले में यमुना नदी से लगते गांव में अब बाढ़ का खतरा ग्रामीणों को सताने लगा है। यमुना नदी से सटे राणामाजरा, तमाशाबाद, पत्थरगढ़, नवादा, मिर्जापुर, गोयला खुर्द, खोजकीपुर सहित अनेक गांवों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। वही दुसरी और सनौली खुर्द गांव की गौशाला में फिर से यमुना का पानी जमा हो गया है। गनीमत है कि इस बार गौशाला में कोई भी गाय नहीं थी, लेकिन गायों का चारा पानी में डूब गया है। जिसमें गायों को चारे की समस्या का सामना करना पड सकता है। वही क्षेत्र में सुबह से रुक-रुक कर तेज बरसात हो रही है। जिसके कारण क्षेत्र के गांवों में लोगों को जलभराव की समस्या का सामना करना पड़ा।
सेल्फी लेने के लिए पहुंच रहे लोग
सनौली खुर्द यमुना पुल पर लोगों की भीड़ जमा है। कई लोग मोटरसाइकिल और गाडिय़ों के साथ वहां पहुंच रहे हैं और सेल्फी ले रहे हैं। स्थानीय किसानों का कहना है कि इस बारिश के कुछ फायदे भी हैं। जल स्रोतों में वृद्धि से अगले फसल सत्र में अच्छी पैदावार की उम्मीद है। हालांकि अभी शाम तक जलस्तर और बढऩे की आशंका जताई जा रही है।
केंद्रीय जल आयोग कार्यालय के चारों ओर बाढ़ का पानी भरा
यमुना पुल के पास बने केंद्रीय जल आयोग कार्यालय के चारों ओर बाढ़ का पानी भर गया, जिससे कर्मचारी ऊंचाई वाले स्थान पर बैठने को मजबूर हो गए। पुल के पास बने शिव मंदिर में भी बाढ़ का पानी भर गया। नदी और तटबंध के बीच हजारों बीघा फसल जलमग्न हो चुकी हैं। यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासनिक अधिकारी लगातार तटबंध का निरीक्षण निरीक्षण कर रहे है।
फसलों को हुआ नुकसान
यमुना नदी से लगते गांवों में यमुना बांध के अंदर खडी समेत दर्जनों गांवों की हजारों एकड़ फसल डूब गई। सबसे ज्यादा नुकसान गन्ना, धान, ज्वार और उड़द व अन्य सब्जियों की फसलों को हुआ। ग्रामीणों ने बांध पर रातभर गश्त की ताकि हालात बिगड़ने पर तुरंत निपटा जा सके।
1978 के बाद 2013 में आई थी बाढ़ तो 2023 में टूटा था बांध
ग्रामीणों का कहना है कि 1978 में उनके क्षेत्र में बाढ़ आई थी क्योंकि उस दौरान बाढ़ को रोकने के पुख्ता साधन नहीं थे, लेकिन 2013 में प्रशासन के अलर्ट होते हुए और साधन सम्पन्न होते हुए भी उनके क्षेत्र में बाढ़ आ गई थी,लेकिन कुछ ग्रामीणों ने बताया कि जून महिने व ज्येष्ट माह के दशहरे के पास जितना पानी 2013 में यमुना नदी में आया हैं पहले आजादी के बाद से इतना पानी नहीं आया था। बताया जाता हैं कि 3 सितंबर 1978 को 7 लाख क्यूसेक पानी यमुना नदी में आने के बाद सितंबर 2011 में यह रिकॉर्ड टूट गया। क्योंकि इस दौरान यमुना नदी में 7.19 लाख क्यूसेक पानी दर्ज किया गया था।
लेकिन जून 2013 में सभी पुराने रिकॉर्ड टूट गए थे क्योंकि बताया जा रहा हैं, कि 17 जून 2013 सुबह तक 8.06 लाख क्यूसेक पानी यमुना नदी में छोडा गया था,वही इसके बाद सभी पुराने रिकॉर्ड टूट गए है और 18 जून 2019 को हथिनी कुंड बैराज से 8.28 लाख क्यूसिक पानी छोडा गया था, लेकिन उस दौरान यमुना बांध ना टूटने से आस-पास के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली थी, लेकिन वर्ष 2013 में यमुना नदी के खतरे के निशान से ऊपर बहने के कारण यमुना नदी का बांध पत्थरगढ-तामशाबाद गांव के बीच टूटने से बाढ़ आ गई थी।
खतरे के निशान से ऊपर बह रही यमुना
हथिनीकुंड बैराज से सोमवार सुबह छोड़े गए 3 लाख 29 हजार क्यूसेक पानी मंगलवार को पहुंच गया। इससे यमुना में उफान आ गया। यहां जलस्तर में खतरे के निशान को पार कर 60 मीटर ऊपर पहुंचकर 232.10 मीटर पहुंच बहने लगा,जबकि चेतावनी बिंदु 231 मीटर को काफी पहले पार कर चुकी यमुना नदी अब खतरे का निशान 231.5 मीटर भी पार कर चुकी है। अब यमुना पूरी तरह से खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, समाचार लिखे जाने तक यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर 232.10 मीटर पर बह रही थी। जिससे तटवर्ती इलाके के किसानों और बाशिंदों की चिंता बढ़ चुकी है।
ग्राम सचिव अपने-अपने गांवों में रखे निगरानी
बीडीपीओ शक्ति सिंह व पंचायत अधिकारी परजान मेहरा ने उच्चाधिकारियों के आदेशानुसार सभी ग्राम सचिवों को आदेश दिए कि वो अपने-अपने गांवों पर नजर बनाए रखें कोई भी कर्मचारी अपना स्टेशन ना छोडें। इस दौरान उन्होंने ग्राम सचिवों से यमुना से लगते गांवों के हालात के बारे में भी बातचीत की और कहा कि ग्रामीणों को बताए कि प्रशासन उनके साथ है उन्हे किसी प्रकार की ङ्क्षचता करने की जरूरत नही है।
पत्थरगढ गांव के पास बांध में शुरू हो गया था रिसाव
सुबह यमुना में पानी का दबाव बढ़ने से पत्थरगढ गांव के पास यमुना बांध में रिसाव शुरू हो गया था,लेकिन जैसे ही इसकी भनक ग्रामीणों को लगी तो उन्होंने इसकी सूचना प्रशासन को दी। सूचना मिलते है अधिकारी मौके पर पहुंचे और तुरंत रिसाव को बंद कराया। बता दे कि अगर पानी का दबाव ज्यादा होता तो यमुना बांध रिसाव होने से टूट सकता था, लेकिन प्रशासन व ग्रामीणों की सूझबूझ से बांध टूटने से बच गया।
यमुना पुल पर बने मीटर गेज के अनुसार अब तक पहुंचा सनौली खुर्द यमुना पुल पर अधिकतम पानी
वर्ष गेज(मीटर में)
1962 231.60
1963 231.59
1964 231.70
1965 231.31
1966 231.63
1967 231.87
1968 231.62
1969 231.43
1970 231.25
1971 231.95
1972 231.85
1973 231.95
1974 231.96
1975 232.10
1976 232.40
1977 232.08
1978 232.00
1979 230.05
1980 231.10
1981 230.60
1982 230.43
1983 231.18
1984 230.21
1985 231.30
1986 230.59
1987 230.43
1988 232.45
1989 231.40
1990 230.73
1991 229.66
1992 230.94
1993 230.61
1994 230.81
1995 232.15
1996 230.96
1997 231.40
1998 231.48
1999 230.75
2000 231.80
2001 230.88
2002 230.88
2003 230.42
2004 230.22
2005 230.94
2006 230.01
2007 230.32
2008 231.26
2009 230.98
2010 232.33
2011 231.56
2012 230.42
2013 232.75
2014 230.02
2015 230.38
2016 230.60
2017 230.46
2019 232.25
2020 232.25
2023 232.30
2025 232.10
(उक्त सभी आंकड़े केंद्रीय जल बोर्ड के यमुना पुल के पास बने कार्यालय के अनुसार है)
अब किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं
इस विषय में केंद्रीय जल बोर्ड के जेई सहायक सोनू सैनी ने बताया कि कि हथनी कुंड बैराज से पानी का दबाव शाम तक कम हो गया है और यमुना पुल पर भी पानी का जल स्तर कम हो गया है। जिससे अब किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है।
पानी कम हो गया है और खतरा टल गया
इस विषय में सिंचाई विभाग के एक्शन सुरेश सैनी का कहना है कि पानी कम हो गया है और खतरा टल गया है प्रशासन की और से पुख्ता इंतजाम किए गए है। किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। सिंचाई विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों सहित अन्य प्रशासनिक अधिकार यमुना बांध पर चौकसी बनाए हुए है। सुबह पत्थरगढ गांव के पास यमुना बांध में रिसाव शुरू हो गया था, जिसको बंद कर दिया गया है।