India News (इंडिया न्यूज), MP Ramchandra Jangra : राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने महम कार्यालय पर प्रैस कॉन्फ्रैंस की, इस मौके पर उन्होंने महम शहर के विकास को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ बयान दे दिया। मीडिया को सम्बोधित करते हुए सांसद रामचन्द्र जांगड़ा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कार्यकाल में महम शहर तालाबों के सौंदर्यीकरण व नालों की सफाई के लिए करोड़ों रुपए मिले हैं। बावजूद इसके वे खुद मान रहे हैं कि महम में तालाब गंदगी से अटे पड़े हैं। नालों की सही तरह से सफाई नहीं हुई।
कुछ पार्षदों के फर्जी साइन का मामला भी गरमाया
उल्लेखनीय हैं कि हाल ही में महम जलघर 2 के लिए फीडर नहर से जलघर तक खुले चैनल से पानी पहुंचाने के लिए टैंडर किया गया, जिसे रद्द करवाने के लिए कुछ पार्षदों के फर्जी साइन का मामला भी गरमाया। उन्होंने कहा कि पूरे मामले की विजिलेंस जांच होनी चाहिए, ताकि महम के विकास को रोकने वाले लोग बेनकाब हो सकें। सरकार महम शहर के विकास के लिए करोड़ों रुपये देती है, लेकिन सब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहे हैं।
पैसे का सही से उपयोग हो जाता तो हमारे शहर के अंदर गंदगी का ये आलम ना होता
रामचंद्र जांगड़ा का आरोप है कि तालाबों के सौन्दर्यकरण और नालों की सफाई में लापरवाही बरती गई। मैंने उस समय विजिलेंस जांच की मांग की थी। तालाबों के सौंदर्यीकरण के लिए महम शहर में करोड़ो रूपये आए। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर के समय आए पैसे का सही से उपयोग नहीं किया गया। आज भी कंकरिट की दीवारें खड़ी, तालाबों का गंदा जल, सड़ते नाले आज भी उस दुर्दशा को बयां कर रहे हैं। अगर उस पैसे का सही से उपयोग हो जाता तो हमारे शहर के अंदर गंदगी का ये आलम ना होता।
विजिलेंस जांच के आदेश भी दे दिए थे पता नहीं क्यों जांच पूरी नहीं हो पाई
मैंने खुद सरकार से जांच के लिए लिखा था विजिलेंस जांच के आदेश भी दे दिए थे पता नहीं क्यों जांच पूरी नहीं हो पाई। इस मौके पर सांसद रामचन्द्र जांगड़ा ने जांच को फिर से शुरू करने की मांग भी दोहराई। उन्होंने कहा कि बगैर काम को पूरा किए ठेकेदार को पेमैंटर दी गई। कितने करोड़ का टेंडर हुआ, कितना घपला हुआ, इसकी विजिलेंस जांच की मांग करता हूं। रामचन्द्र जांगड़ा ने कहा कि कुछ लोग जानबूझकर महम का विकास नहीं चाहते।