India News (इंडिया न्यूज), Kumari Selja On GST Rates : पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी वर्षों से लगातार सरल और न्यायपूर्ण जीएसटी की मांग करती रही है। जब 2016 में जीएसटी लागू किया गया था, उस समय ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे गब्बर सिंह टैक्स कहते हुए चेताया था कि 18 प्रतिशत से अधिक जीएसटी दर आमजन पर बोझ बढ़ाएगी। आखिरकार जब भाजपा का जनाधार गिरता दिखा तब कही जाकर भाजपा सरकार को कांग्रेस की मांग माननी पड़ी है, जीएसटी दरों में कमी जनता और कांगे्रस की जीत है।
भाजपा सरकार को कांग्रेस की मांग माननी पड़ी
मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा सरकार ने पहले जीएसटी के नाम पर दूध-दही, आटा-अनाज, बच्चों की किताबों, ऑक्सीजन व अस्पतालों तक पर टैक्स लगाया। इतना ही नहीं, वर्षों तक भाजपा सरकार ने जीएसटी कलेक्शन का जश्न मनाया, जबकि यह जश्न वास्तव में जनता की जेब पर डाले गए अतिरिक्त बोझ का उत्सव था। आज जब भाजपा का जनाधार गिरता जा रहा है, तब जाकर भाजपा सरकार को कांग्रेस की मांग माननी पड़ी है और जीएसटी 2.0 व रेट रेशनलाइजेशन लागू करने का निर्णय लिया गया है।
किसानों के आंदोलन पर सरकार को पीछे हटना पड़ा
जिस प्रकार किसानों के आंदोलन पर सरकार को पीछे हटना पड़ा और जातिगत जनगणना पर नया रुख अपनाना पड़ा, उसी प्रकार जीएसटी पर भी सरकार को अब जागना पड़ा है। कांग्रेस पार्टी का मानना है कि दरों में कटौती से राज्यों की आय प्रभावित होगी, इसलिए 2024-25 को आधार वर्ष मानकर अगले 05 वर्षों तक क्षतिपूर्ति सुनिश्चित की जानी चाहिए। साथ ही जीएसटी के जटिल अनुपालन को समाप्त कर प्रणाली को सरल बनाया जाए, तभी छोटे उद्योगों को वास्तविक राहत मिल सकेगी। यह फैसला जनता और छोटे कारोबारियों की जीत है और कांग्रेस पार्टी की लगातार की गई मांग का परिणाम है।
सांसद सैलजा ने बाढ़ राहत में लापरवाही पर उठाए सवाल
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद कुमारी सैलजा ने हरियाणा में बाढ़ से बिगड़ते हालात पर कड़ी नाराजगी जताई है। सांंसद ने कहा कि सिरसा, फतेहाबाद, भूना, रतिया, टोहाना, रोहतक और गुरुग्राम सहित कई शहर पानी में डूबे हैं। लोगों की मौत का सिलसिला जारी है। हरियाणा के 11 जिलों , 1932 गांवों पर मानसूनी आफत आई हुर्द है। करीब पांच लाख एकड़ फसल डूब चुकी है। इतना ही नहीं 70 से ज्यादा मकान गिर चुके है या उनमें दरार आ चुकी है। अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है। हिसार में आठ ड्रेन टूट चुकी है, 307 गांवों में से 180 में पानी भरा हुआ है। जींद में 20 से ज्यादा गांव में खेती प्रभावित हुई है। सोनीपत के 30 गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हुए है। रोहतक, बहादुरगढ़ झज्जर में भी हालत बिगडे हुए है, कई स्थानों पर जलभराव से जनता परेशान है। कैथल, यमुनानगर, पानीपत,सिरसा, कुरुक्षेत्र, फतेहाबाद में भी फसल बर्बाद होने और जलभराव से लोग परेशान है।
गुरुग्राम में जलभराव और इसे लगे जाम की चर्चा विदेशों तक में हो रही
चरखी दादरी, यमुनानगर, गुरुग्राम, सोनीपत, हिसार और जींद जैसे कई शहरों और जिलों में भारी बारिश के बाद जलभराव हुआ, जिससे लोग परेशान हैं। जलभराव के कारण सड़कों पर पानी भर गया, यातायात बाधित हुआ, घरों में पानी घुस गया और कई जगहों पर लोग प्रदर्शन भी कर रहे हैं। गुरुग्राम में जलभराव और इसे लगे जाम की चर्चा विदेशों तक में हो रही है। रात भर बिजली न होने से लोग परेशान रहे, जिससे प्रशासन के दावों की पोल खुल गई। सांसद ने कहा कि भाजपा सरकार पहले से कोई तैयारी नहीं कर सकी और अब राहत व बचाव कार्यों में पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है। उन्होंने मांग की कि सरकार तुरंत मिशन मोड में राहत, मुआवजा और पुनर्वास कार्य शुरू करे और प्रभावित परिवारों की सहायता सुनिश्चित करे। शैलजा ने चेतावनी दी कि यदि सरकार अभी भी जागी नहीं, तो जनता इस असंवेदनशीलता और लापरवाही को कभी माफ़ नहीं करेगी।