India News (इंडिया न्यूज), Mahipal Dhanda : गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा कैथल पहुँचे और पूर्व संध्या पर एक तिरंगा यात्रा निकाली गई, जिसमें हरियाणा के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा शामिल हुए। कैथल के कमेटी चौक से पेहवा चौक तक तिरंगा यात्रा निकाली गई जिसमें भाजपा के कैथल इकाई के तमाम नेता शामिल हुए।
पत्रकारों से बात करते हैं उन्होंने तिरंगे के तीनों रंगों की महिमा बताइए और कहा कि हमें गर्व है अपने तिरंगे पर तिरंगा हमारी स्वतंत्रता की पहचान है 15 अगस्त को देश आजाद हुआ और आजादी की यहां पर सांस लेने का मौका मिला। देश की सीमाओं पर तिरंगा लहरा रहा होता है और अगर दूर से कोई दुश्मन घात लगाकर हमला करने की सोचता है तो हमारे देश का नौजवान इस तिरंगे को सैल्यूट करके और तिरंगा अपने हाथ में लेकर देश की रक्षा के लिए अपनी जान तक न्योछावर कर देता है।
नाच न जाने आंगन टेढ़ा
पत्रकार ने कहा कि कांग्रेस द्वारा संगठन की लिस्ट जारी कर कहां की कांग्रेस का संगठन सबसे बड़ा होगा इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए शिक्षा मंत्री महिपाल डंडा ने कहा कि यह मुंगेरीलाल के हसीन सपने हैं, क्योंकि हसीन सपनों देखने पर कौन सा जीएसटी लगता है। कांग्रेस द्वारा वोट चोरी के आरोप लगाए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह तो वही बात हुई नाच न जाने आंगन टेढ़ा।
अगर कांग्रेस को खत्म नहीं किया तो यह आने वाले समय में बन सकती है नासूर
महिपाल ढांडा ने महात्मा गांधी का नाम लेते हुए कहा कि गांधी ने कहा था कि अब हमें आजादी मिल गई है तो हमें कांग्रेस को खत्म देख कर देना चाहिए अब इसका कोई काम नहीं है। अगर कांग्रेस को खत्म नहीं किया तो यह आने वाले समय में नासूर बन सकती है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने यह शब्द आजादी मिलने के तुरंत बाद ही कहे थे। परंतु सत्ता के लालची लोगों ने महात्मा गांधी की इस बात को नहीं माना। भारत देश की आजादी के साथ कुछ और देश में भी आजादी पाई थी परंतु आज वह देश विकसित हो गए और हम बिछड़ गए, हमारे पिछले पान का कारण सत्ता के लोभी लोग हैं।
शेर का भाई बघेरा, वा कूदे नो, और वा कूदे तेहरा
पत्रकारों ने कहा कि आदित्य सुरजेवाला मुख्यमंत्री को कॉमेडियन बता रहे हैं इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा सुरजेवाला पता नहीं कौन सी रामलीला में कौन सा नाटक करते हैं। वह सदन में खड़े होकर भी झूठ बड़े तरीके से बोलते हैं। वह कहावत है शेर का भाई बघेरा, वा कूदे नो, और वा कूदे तेहरा। दोनों बापू बेटा में अड़ी लगी हुई है।
इस बात पर मैं आज भी कायम हूं
हिंदी हिंदू और हिंदुस्तान पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हिंदी मेरी राष्ट्रभाषा है 21 और भाषाएं ऐसी है जो राष्ट्रभाषा है। अंग्रेजी का प्रचलन कामकाज के लिए थोड़ा बहुत प्रयोग किया जाए तो ठीक है क्योंकि संविधान में ऐसा लिखा है। परंतु इसका 100% प्रयोग करना ठीक नहीं है इस बात पर मैं आज भी कायम हूं। आगरा में देश की प्रगती उन्नति और उत्थान करना है तो वह हम राष्ट्रभाषा के साथ ही कर सकते हैं।
हम अपनी राष्ट्रभाषा के साथ ही आगे बढ़ सकते हैं दूसरी विदेशी भाषाओं का ज्ञान होना जरूरी है हमें अलग-अलग भाषाओं का ज्ञान होना चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर हमारे काम आ सके,ज्ञान अर्जित करना कोई बुरी बात नहीं है, परंतु अगर हम अपने देश में हर जगह विदेशी भाषाओं का प्रयोग करेंगे तो हम पिछड़ जाएंगे। अपनी मातृभाषा से प्रेम करना और अपनी मातृभाषा में काम करना यह हमारे लिए गौरव की बात है।