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मुख्यमंत्री सैनी की पहल : सीईटी परीक्षार्थियों को मिला परीक्षा से पहले सम्मान, पहली बार ऐसा हुआ, घर से परीक्षा केंद्र तक ‘सरकार बनी अभिभावक’

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित दो दिवसीय सीईटी परीक्षा इस बार प्रदेश सरकार के प्रभावी प्रबंधन और बेहतरीन सुविधाओं के चलते युवाओं के लिए एक उत्सव का रूप ले चुकी है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के निर्देशानुसार परीक्षार्थियों को चार दिन की निशुल्क बस यात्रा की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है — जो कि अपने आप में एक अनूठी और सराहनीय पहल है।

Written By: Anurekha Lambra
Last Updated: July 26, 2025 16:37:42 IST

प्रवीण वालिया-करनाल, India News (इंडिया न्यूज), CET Exam : हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित दो दिवसीय सीईटी परीक्षा इस बार प्रदेश सरकार के प्रभावी प्रबंधन और बेहतरीन सुविधाओं के चलते युवाओं के लिए एक उत्सव का रूप ले चुकी है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के निर्देशानुसार परीक्षार्थियों को चार दिन की निशुल्क बस यात्रा की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है — जो कि अपने आप में एक अनूठी और सराहनीय पहल है।

  • बिना खर्ची, बिना टेंशन अब परीक्षा केंद्र तक सरकार की जिम्मेदारी

सरकार द्वारा प्रदान की गई सुविधा से उन्हें बड़ी राहत मिली

इस सुविधा से खासकर उन परिवारों को राहत मिली है जो अब तक अपने बच्चों को परीक्षा केंद्र तक पहुंचाने के लिए निजी साधनों का इंतजाम करने में दिन-रात लगे रहते थे। पहले जहाँ कई अभिभावक मोटरसाइकिल, स्कूटर या किराए के वाहनों का इंतजाम करते थे, वहीं अब सरकार द्वारा प्रदान की गई सुविधा से उन्हें बड़ी राहत मिली है। खासकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभिभावकों और परीक्षार्थियों को इस पहल ने काफी सहारा दिया है। महिला परीक्षार्थियों और उनके परिजनों के लिए भी सरकार ने निशुल्क बस सेवा प्रदान की है, जिससे उनके चेहरों पर संतोष और सुरक्षा की झलक साफ देखी गई।

सामाजिक संस्थाओं ने निभाई अहम भूमिका

मुख्यमंत्री के आह्वान पर इस बार न केवल प्रशासन बल्कि सामाजिक संस्थाओं ने भी परीक्षार्थियों के रात्रि ठहराव, भोजन और स्थानीय परिवहन की व्यवस्था धर्मशालाओं के माध्यम से की। यहाँ तक कि परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने में भी ये संस्थाएँ सक्रिय रहीं। जींद के जुलाना कस्बे से आई रचना ने बताया कि पहली बार ऐसा अनुभव हुआ है कि घर से लेकर परीक्षा केंद्र तक सरकार ने जिम्मेदारी उठाई है। करनाल पहुंचते ही बस सेवा उपलब्ध थी और बिना किसी परेशानी के परीक्षा केंद्र तक समय से पहले पहुँचना संभव हो पाया। रचना के पिता विक्रमजीत ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार की यह पहल न केवल सहायक है, बल्कि माता-पिता की बड़ी चिंता भी दूर करती है।

‘बिना पर्ची, बिना खर्ची’ से बढ़ा पारदर्शिता पर विश्वास

बिशनपुरा गांव के मनीष टांक और ज्योति टांक ने भी सरकार की व्यवस्था पर प्रसन्नता जताई। उन्होंने कहा कि सरकार की ‘बिना पर्ची, बिना खर्ची’ नीति से युवाओं का भरोसा शासन व्यवस्था पर और मजबूत हुआ है और परीक्षा में भागीदारी भी पूर्ण रूप से सुनिश्चित हो सकी है।

डायल 112 बना संकट में सहारा

गांव हेमदा के पास बाइक से गिरने की सूचना पर ईआरवी-429 मौके पर पहुंची और घायल परीक्षार्थी को सिविल अस्पताल करनाल में भर्ती करवाया, जबकि उसकी बहन को समय पर एसपी एस स्कूल करनाल में परीक्षा केंद्र तक पहुंचाया गया। प्रीति, कोमल और आंचल ने डायल 112 पर सूचित किया कि ट्रेन तरावड़ी स्टेशन पर रुक गई है और परीक्षा में देरी हो सकती है। सूचना मिलते ही डायल 112 की टीम ने उन्हें लोकेशन से पिक कर तीनों को कुरुक्षेत्र में उनके अलग-अलग परीक्षा केंद्रों तक पहुँचाया।

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