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केवाईसी अपडेट करने के लिए आए कॉल तो हो जाएं सावधान, साइबर ठगी का हो सकते हैं शिकार, बैंकिंग जानकारी साझा करने से बचें

पानीपत पुलिस ने साइबर अपराध पर अंकुश लगाने व आमजन को साइबर अपराध के विरुद्ध जागरूक करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी करते हुए नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे केवाईसी अपडेट करने के नाम पर हो रही साइबर ठगी से सावधान रहें। साइबर ठग अपराध करने के नए नए तरीके अपनाकर लोगों के साथ ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे है। साइबर ठग अब केवाईसी अपडेट के नाम पर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे है।

Written By: Anurekha Lambra
Last Updated: July 28, 2025 18:40:17 IST

India News (इंडिया न्यूज), Cyber Fraud : पानीपत पुलिस ने साइबर अपराध पर अंकुश लगाने व आमजन को साइबर अपराध के विरुद्ध जागरूक करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी करते हुए नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे केवाईसी अपडेट करने के नाम पर हो रही साइबर ठगी से सावधान रहें। साइबर ठग अपराध करने के नए नए तरीके अपनाकर लोगों के साथ ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे है। साइबर ठग अब केवाईसी अपडेट के नाम पर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे है।

  • संदिग्ध कॉल या मैसेज पर विश्वास न करें और किसी भी प्रकार की बैंकिंग जानकारी साझा करने से बचे : एसपी भूपेंद्र सिंह आईपीएस

आगे की प्रक्रिया के बहाने ओटीपी नंबर लेकर बैंक खाते से रुपए निकाल लेते

पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र सिंह आईपीएस ने कहा कि साइबर ठग स्वयं को बैंक अधिकारी के रूप में प्रस्तुत करते है और फर्जी एसएमएस, कॉल या ई मेल कर यह कहते है कि यदि आपने अभी केवाईसी अपडेट नहीं कराया तो आपका खाता ब्लॉक हो जाएगा। साइबर ठग केवाईसी अपडेट के बहाने लोगों से बैंक, यूपीआई और वॉलेट खातों की संवेदनशील जानकारी लेते है। फिर आगे की प्रक्रिया के बहाने ओटीपी नंबर लेकर बैंक खाते से रुपए निकाल लेते है। नागरिकों को ठगी का तब पता चलता है, जब उन्हें निकासी का मैसेज आता है।

साइबर ठगी से बचने के लिए निम्न सावधानी बरते

  •  ऐसे कॉल या मैसेज आने पर शांत रहें, कोई जानकारी साझा न करें।
  •  बैंक में जाकर ही केवाईसी कराए।
  •  बैंक डिटेल्स, पासवर्ड, ओटीपी या पिन किसी से भी साझा न करें।
  •  किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें।

ठगी हो जाने की स्थिति में क्या करें

तुरंत राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें।  www.cybercrime.gov.in वेबसाइट पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें। नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम थाना में रिपोर्ट दर्ज कराएं।

पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र सिंह आईपीएस ने कहा कि कोई भी बैंक या अधिकृत संस्था ओटीपी, पासवर्ड, या यूपीआई पिन नहीं मांगती। खाते से संबंधित कोई भी जानकारी बैंक जाकर प्राप्त करें। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि साइबर ठगी से बचने के लिए सतर्क और जागरूक रहें। आपकी सावधानी ही आपकी सुरक्षा है।

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