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ड्रोन टेक्नोलॉजी में हाईटेक हुई हरियाणा पुलिस, उपद्रवियों पर ड्रोन से आंसू गैस और इंक स्प्रे किया जा सकेगा

हरियाणा पुलिस किसी भी प्रकार के देंगे और उपद्रव या आंदोलन से निपटने के लिए पूरी रणनीति तैयार कर चुकी है। और अब हरियाणा पुलिस हाईटेक हो चुकी है जिसके जरिए वह आने वाले समय में हरियाणा में हिंसा की घटनाओं को कम कर पाएगी। शनिवार को हरियाणा पुलिस अकादमी में इसका डेमो हुआ, जहां यह दिखाया गया कि अगर कोई बड़ा आंदोलन होता है तो पुलिसकर्मी सीधे भीड़ के नजदीक जाने की बजाय ड्रोन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करेंगे। ड्रोन से न सिर्फ आंसू गैस के गोले छोड़े जा सकते हैं, बल्कि आंदोलनकारियों को चेतावनी दी जा सकती है और पहचान के लिए इंक स्प्रे भी किया जा सकता है।

Written By: Anurekha Lambra
Last Updated: 2025-08-30 23:01:00

India News (इंडिया न्यूज), Haryana Police Becomes Hi-tech In Drone Technology : हरियाणा पुलिस किसी भी प्रकार के देंगे और उपद्रव या आंदोलन से निपटने के लिए पूरी रणनीति तैयार कर चुकी है। और अब हरियाणा पुलिस हाईटेक हो चुकी है जिसके जरिए वह आने वाले समय में हरियाणा में हिंसा की घटनाओं को कम कर पाएगी। शनिवार को हरियाणा पुलिस अकादमी में इसका डेमो हुआ, जहां यह दिखाया गया कि अगर कोई बड़ा आंदोलन होता है तो पुलिसकर्मी सीधे भीड़ के नजदीक जाने की बजाय ड्रोन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करेंगे। ड्रोन से न सिर्फ आंसू गैस के गोले छोड़े जा सकते हैं, बल्कि आंदोलनकारियों को चेतावनी दी जा सकती है और पहचान के लिए इंक स्प्रे भी किया जा सकता है।

तकनीक से बदल रहा है पुलिसिंग का तरीका

हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने बताया कि पुलिस ने एक नई स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) तैयार की है, जो ड्रोन टेक्नोलॉजी पर आधारित है। इसका मकसद हेजिटेशन यानी बड़े आंदोलनों में न्यूनतम बल प्रयोग करना है। उन्होंने कहा कि बीते वर्ष अंबाला और खनौरी बार्डर पर बड़ा आंदोलन हुआ था, जिसमें ड्रोन का प्रयोग किया गया था। उसी अनुभव को आधार बनाकर दृष्या नामक संस्था के सहयोग से यह नई एसओपी बनाई गई है। शनिवार को इसका डेमो किया गया और यह बेहद प्रभावी साबित हुई।

भीड़ पर काबू पाने का नया तरीका

ड्रोन टेक्नोलॉजी से पुलिस को कई फायदे मिलते हैं। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पहले लाठीचार्ज या बल प्रयोग करना पड़ता था, लेकिन अब ड्रोन से बिना नजदीक गए भी हालात को काबू में किया जा सकेगा। ड्रोन पर लगे साउंड स्पीकर से आंदोलनकारियों को चेतावनी दी जा सकती है, जिससे वे खुद जगह छोड़ दें। इसके अलावा ड्रोन से छोड़ा गया टियर गैस ग्रेनेड भीड़ को नियंत्रित करने में मदद करेगा। वहीं, इंक स्प्रे का इस्तेमाल करके उन लोगों को चिन्हित किया जा सकेगा, जिन्होंने हंगामा किया हो। यह इंक लंबे समय तक हटती नहीं है, जिससे उनकी पहचान बाद में भी आसान हो जाती है।

ऑपरेशन सिंदूर में भी हुई थी टेक्नोलॉजी की मदद

डीजीपी ने बताया कि ड्रोन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल सिर्फ आंदोलनों में ही नहीं, बल्कि बड़े ऑपरेशनों में भी किया जा रहा है। हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी इसका सफल उपयोग किया गया था। ड्रोन से पुलिस को ऊंचाई से पूरे इलाके की निगरानी करने का फायदा मिलता है। इससे मौके पर क्या स्थिति है, कितनी भीड़ है और कहां ज्यादा तनाव है, इसकी सटीक जानकारी मिलती है। इससे रणनीति बनाने और ऑपरेशन को सफल बनाने में आसानी होती है।

कम बल प्रयोग, ज्यादा असर

पुलिस का मानना है कि टेक्नोलॉजी अपनाने से काम आसान और सुरक्षित हो गया है। पहले आंदोलन की स्थिति में पुलिस बल को भीड़ के बीच उतरना पड़ता था, जिससे झड़प और चोट लगने का खतरा बढ़ जाता था। लेकिन ड्रोन से न सिर्फ पुलिस सुरक्षित दूरी से हालात पर नजर रख सकेगी, बल्कि कम से कम बल प्रयोग करके भीड़ को नियंत्रित कर पाएगी। इससे पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच टकराव की नौबत भी कम होगी।

हरियाणा पुलिस लगातार हो रही हाईटेक

हरियाणा पुलिस ने बीते कुछ सालों में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ा दिया है। चाहे वह ट्रैफिक मैनेजमेंट हो, अपराधियों की लोकेशन ट्रैकिंग हो या फिर ऑपरेशन में ड्रोन का इस्तेमाल – हर जगह नई तकनीक से पुलिस की ताकत दोगुनी हुई है। ड्रोन टेक्नोलॉजी के जुड़ने से अब पुलिस और ज्यादा आधुनिक और सक्षम हो गई है।

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