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मानसून सत्र के बाद पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा बयान- मुख्यमंत्री और मंत्री तैयारी से नहीं आए और हाउस में गुमराह करने की कोशिश की, हमें मजबूर होकर शोर करना पड़ा

हरियाणा विधान मानसून सत्र में हमें मजबूर होकर शोर करना पड़ा। इस दौरान सरकार ने जो भी जवाब दिए वो असलियत से परे हैं। ज़िम्मेवारी से यह जवाब नहीं दिए। मुख्यमंत्री और मंत्री तैयारी से नहीं आए थे और ग़लत तैयारी करके हाउस में गुमराह करने की कोशिश की। उक्त बातें हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गुरुवार को हरियाणा विधान मानसून सत्र के बाद प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि 4 दिन का सत्र रहा, इसमें सरकार तैयारी के बिना आई थी, जो प्रश्नों के सही जवाब नहीं दे पाए।

Written By: Anurekha Lambra
Last Updated: August 28, 2025 17:27:56 IST

India News (इंडिया न्यूज), Former CM Bhupinder Singh Hooda : हरियाणा विधान मानसून सत्र में हमें मजबूर होकर शोर करना पड़ा। इस दौरान सरकार ने जो भी जवाब दिए वो असलियत से परे हैं। ज़िम्मेवारी से यह जवाब नहीं दिए। मुख्यमंत्री और मंत्री तैयारी से नहीं आए थे और ग़लत तैयारी करके हाउस में गुमराह करने की कोशिश की। उक्त बातें हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गुरुवार को हरियाणा विधान मानसून सत्र के बाद प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि 4 दिन का सत्र रहा, इसमें सरकार तैयारी के बिना आई थी, जो प्रश्नों के सही जवाब नहीं दे पाए। 

हरियाणा के कितने सेलर मध्यप्रदेश में चले गए

हुड्डा ने कानून व्यवस्था पर कहा कि ये हम नहीं ये एसपीआई की रिपोर्ट कह रही है कि असुरक्षित प्रदेशों में सबसे ऊपर हरियाणा है। एसएफटी की रिपोर्ट है कि सबसे ज़्यादा संगठित अपराध आज हरियाणा में हो रहे। आज हरियाणा में लोग ख़ुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। हरियाणा के कितने सेलर मध्यप्रदेश में चले गए। आज उद्योग पलायन कर रहे हैं। 

ये सबसे बड़े वोट चोर हैं

24 फसलों पर ये कहते हैं एमएसपी देते हैं। पर ये तो बतायें 24 फसल है कौनसी ? गन्ने का 11 साल में 80 रुपये क्विंटल बढ़ाया है। चुनाव था तब खटखट बीपीएल कार्ड बना दिए और अब 11 लाख काट दिए। ये सबसे बड़े वोट चोर हैं। इलेक्शन कमीशन इनका बना हुआ है जबकि वो ऑटोनोमस होना चाहिए। डेवलप्ड कंट्री भी बैलट से चुनाव कर रही हैं हमे भी उसी सिस्टम को अपनाना चाहिए।

एचएसवीपी नो प्रॉफिट नो लॉस की मद्दे नज़र बना था लेकिन अब प्लॉट्स का ऑक्शन करते हैं। खेल जगत में हमने इनसे ज़्यादा नौकरिया दी हमने पदक लाओ पद पाओ की नीति को अपनाया लेकीन ये बता नहीं पाये की इन्हीने कितने डीएसपी लगाए। आयुष्मान भारत योजना के तहत कई गंभीर विषय हैं स्वास्थ्य सेवायें चरमरा चुकी हैं। 

सरकारी अस्पतालों में सुविधाएँ नहीं

आयुष्मान कार्ड के मरीज़ दर दर की ठोकर खा रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में सुविधाएँ नहीं है। लाडो लक्ष्मी योजना के लागू होने पर भूपेंद्र हुड़ा ने कहा की घोषणा पत्र में सभी महिलाओं के किए कहा था और ये एक साल पहले की घोषणा है अब ये महिलाओं को एरियर के साथ ब्याज भी देंगे क्या ? इस बारे में बताए। 

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