House demolition in Kawardha: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कवर्धा (Kawardha) शहर में मंगलवार को नगर पालिका की एक कार्रवाई ने मानवीय संवेदनाओं को झकझोर दिया। अवैध कब्ज़े का हवाला देकर नगरपालिका अमले ने एक गरीब महिला सरिता निषाद की झोपड़ी तोड़ दी। इस कार्रवाई ने न केवल उसके सिर से छत छीनी, बल्कि उसके छोटे बच्चों को भी बेघर कर दिया।
बेबस माँ ने लगाई गुहार
नगरपालिका का बुलडोज़र (Bulldozer) जैसे ही सरिता के घर के पास पहुंचा, वह अपने दो बच्चों को लेकर अधिकारियों के सामने हाथ जोड़कर खड़ी हो गई। बार-बार गुहार लगाती रही कि उसके पास जाने को और कहीं जगह नहीं है, लेकिन किसी ने उसकी बात नहीं सुनी। महिला पुलिस ने उल्टा उसे रोकने के बजाय धक्का दिया और जमीन पर पटक दिया। इस पूरे घटनाक्रम ने आसपास खड़े लोगों को भी भावुक कर दिया।
पहले भी उजड़ा था आशियाना
सरिता की बदकिस्मती यहीं खत्म नहीं होती। कुछ महीने पहले ही असामाजिक तत्वों ने उसके घर में आग लगा दी थी। उसने शिकायत भी की, लेकिन आज तक किसी के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। बड़ी मुश्किल से सरिता ने मज़दूरी करके पाई-पाई जोड़कर टिन का छप्पर डाला था, ताकि बच्चों के सिर पर छत हो सके। लेकिन मंगलवार को नगरपालिका की कार्रवाई ने उसके सपनों को फिर से मलबे में बदल दिया।
रसूखदार पर लगाए गंभीर आरोप
स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस सरकारी ज़मीन पर सरिता की झोपड़ी बनी थी, उसके ठीक बगल में एक रसूखदार की ज़मीन है। सरिता का आरोप है कि उसी रसूखदार ने उसे बार-बार धमकाया और घर जलाने की साज़िश भी उसी ने कराई थी। अब वही व्यक्ति ज़मीन पर कब्ज़ा करने के लिए तार लगाकर घेराबंदी करने की कोशिश कर रहा है। सरिता का दावा है कि इस पूरे खेल में नगरपालिका उसके खिलाफ खड़ी है।
नेताओं से भी लगाई गुहार
जानकारी के मुताबिक, सरिता ने अपनी समस्या को लेकर पहले भी विधायक एवं उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा से मुलाकात की थी। उन्होंने व्यक्तिगत स्तर पर राशन और कपड़े उपलब्ध कराए थे। लेकिन ताज़ा घटना के बाद सरिता और उसके बच्चे एक बार फिर खुले आसमान के नीचे आ गए हैं।