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Bridge Construction in Bihar: बिहार को मिली करोड़ों की सौगात, कुछ ही महीनों में ये जिला दिखेगा हाई प्रोफाइल

New Bridge Construction in Bihar: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले को करोड़ो की सौगात मिली हैं। इस जिले में 3 लेन का ऐतिहासिक पुल बनने वाला हैॆ।

Written By: shristi S
Last Updated: September 3, 2025 11:21:56 IST

Muzaffarpur Bridge Project: बिहार के उत्तर भाग में आधारभूत संरचनाओं के विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) जिले में गंडक नदी पर एक उच्च स्तरीय पीएससी बॉक्स सेल सुपर स्ट्रक्चर पुल का निर्माण होने जा रहा है, जो जिले की सामाजिक और आर्थिक तस्वीर को बदल देगा। राज्य कैबिनेट की हालिया बैठक में इस महत्वाकांक्षी परियोजना को हरी झंडी मिल चुकी है।

परियोजना की प्रमुख विशेषताएं

इस पुल की कुल लंबाई 2280 मीटर और चौड़ाई 15.55 मीटर होगी, जिसमें तीन लेन की सुविधा उपलब्ध रहेगी। इसके अतिरिक्त, लगभग 2200 मीटर लंबा पहुंच पथ भी बनाया जाएगा ताकि दोनों छोर के यातायात का सुगम प्रवाह सुनिश्चित हो सके। इस पूरे निर्माण कार्य पर 589 करोड़ 4 लाख 78 हजार रुपये की लागत आएगी।

यात्रा में क्रांतिकारी बदलाव

वर्तमान समय में पारू प्रखंड के फतेहाबाद से सारण जिले के तरैया पहुंचने के लिए लोगों को रेवा घाट पुल का सहारा लेना पड़ता है। इस मार्ग से लगभग 49 किलोमीटर की यात्रा करनी होती है। नया पुल बन जाने के बाद यह दूरी घटकर केवल 10 किलोमीटर रह जाएगी। यानी लोगों का 39 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर समाप्त होगा। इसका सीधा असर आम जनता के समय और ईंधन की बचत के रूप में सामने आएगा।

बिहार की प्रगति का सेतु 

यह पुल केवल दो प्रखंडों पारू और सरैया को जोड़ने का कार्य नहीं करेगा, बल्कि इसे उत्तर बिहार की प्रगति का सेतु भी कहा जा सकता है।

  • व्यापार और कृषि को बढ़ावा: किसानों के लिए बाजारों तक पहुंचना आसान होगा। व्यापारी वर्ग के लिए माल ढुलाई और वितरण की प्रक्रिया सुगम हो जाएगी।
  • रोजगार और स्वरोजगार: पुल निर्माण और इसके बाद बढ़े आर्थिक गतिविधियों से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार व स्वरोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
  • परिवहन और पर्यटन: सुरक्षित और तेज आवागमन के कारण परिवहन व्यवस्था में सुधार होगा और क्षेत्रीय पर्यटन को भी गति मिलेगी।
  • स्थानीय उद्योग-धंधों को बल: संपर्क सुविधा बढ़ने से लघु उद्योग और पारंपरिक व्यापार को नई दिशा मिलेगी।

लोगों को मिलेगा सीधा फायदा

अनुमान है कि इस पुल के निर्माण से लगभग 5 लाख लोगों की आबादी को सीधा लाभ मिलेगा। न सिर्फ मुजफ्फरपुर, बल्कि सिवान और सारण जैसे पड़ोसी जिलों के लोगों के लिए भी यह पुल राहत और प्रगति का मार्ग बनेगा।

गंडक नदी (Gandak River) पर बनने वाला यह पुल केवल एक भौगोलिक जोड़ नहीं है, बल्कि यह विकास, प्रगति और समृद्धि की डगर का प्रतीक होगा। आने वाले वर्षों में यह परियोजना उत्तर बिहार की जीवनरेखा साबित हो सकती है। किसानों से लेकर व्यापारियों और आम नागरिकों तक हर वर्ग के जीवन में यह पुल नई ऊर्जा और संभावनाएँ लेकर आएगा।

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