Asia Cup 2025: एशिया कप 2025 की शुरुआत से पहले हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस अब मैदान से ज़्यादा सोशल मीडिया पर सुर्खियाँ बटोर रही है. वजह है भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव का पाकिस्तान के गृह मंत्री और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के अध्यक्ष मोहसिन नक़वी से हाथ मिलाना. नक़वी वही शख़्स हैं जिन्होंने कुछ समय पहले भारत पर परमाणु हमला करने की धमकी दी थी. यही बड़ी वजह है कि जैसे ही पाकिस्तानी मंत्री और भारतीय कप्तान सूर्यकुमार का हाथ मिलाते हुए वीडियो लोगों के सामने आया, सोशल मीडिया पार उनका गुस्सा जमकर भड़क उठा.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में हाथ मिलाया
एशिया कप की आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस अबू धाबी में हुई, जिसमें सभी टीमों के कप्तान मौजूद थे. मोहसिन नक़वी भी एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) के अध्यक्ष के तौर पर मंच पर आए. इस दौरान नक़वी ने सूर्यकुमार यादव का अभिवादन किया और दोनों ने हाथ मिलाया. यह पल कैमरों में कैद हो गया और कुछ ही मिनटों में इसका वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो गया.
रिटायर्ड मेजर का गुस्सा फूटा
वीडियो सामने आते ही सोशल मीडिया पर भारतीय प्रशंसकों ने तीखी प्रतिक्रियाएँ देनी शुरू कर दीं. कई लोगों ने इसे “क्रिकेट कूटनीति” कहकर आलोचना की, तो कुछ ने इसे शहीद सैनिकों के बलिदान का अपमान बताया.
शौर्य चक्र विजेता (सेवानिवृत्त) मेजर पवन कुमार ने भी इस पर अपना गुस्सा ज़ाहिर करते हुए X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “आज पाकिस्तानी आतंकवादियों ने हमारे दो जवानों को शहीद कर दिया और भारतीय टीम के कप्तान पीसीबी अध्यक्ष मोहसिन नक़वी से मुस्कुराते हुए हाथ मिला रहे हैं. ये वही नक़वी हैं जिन्होंने भारत पर परमाणु हमला करने की धमकी दी थी. अगर आप इसे खेल कूटनीति का नाम देते हैं, तो यह बहुत ही ज्यादा शर्मनाक है.”
नकवी का विवादित बयान
गौरतलब है कि मोहसिन नक़वी पाकिस्तान के गृह मंत्री होने के साथ-साथ पीसीबी अध्यक्ष भी हैं. वे भारत विरोधी बयानबाज़ी के लिए कुख्यात हैं. हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के बाद उन्होंने भारत के ख़िलाफ़ तीखी टिप्पणियाँ भी की थीं. इसी वजह से मंच पर भारतीय कप्तान से उनके हाथ मिलाने से लोग नाराज़ हो गए थे.
प्रशंसकों का फूटा गुस्सा
कई प्रशंसकों ने लिखा, “हमें पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के परिवारों से माफ़ी मांगनी चाहिए. जब हमारे सैनिक शहीद हो रहे हैं, तब हमारे खिलाड़ी पाकिस्तानी नेताओं से हाथ मिला रहे हैं. यह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.” एक अन्य यूज़र ने कहा, “देश की गरिमा क्रिकेट कूटनीति से ज़्यादा महत्वपूर्ण है.”
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