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पहले जिनको उतारा मौत के घाट, अब उनको दे रहा ऑफर…आखिर क्यों अफगान‍ियों को वापस देश बुला रही ताल‍िबान सरकार?

Written By: Shubham Srivastava
Last Updated: July 17, 2025 13:27:03 IST

India News (इंडिया न्यूज), Taliban Afghanistan Latest News : तालिबान के एक शीर्ष अधिकारी ने शनिवार को कहा कि पूर्व पश्चिमी समर्थित सरकार के पतन के बाद देश छोड़कर भागे सभी अफ़गान स्वदेश लौटने के लिए स्वतंत्र हैं, उन्होंने वादा किया कि अगर वो वापस आते हैं तो उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। तालिबान के प्रधानमंत्री मोहम्मद हसन अखुंद ने ईद-उल-अज़हा के इस्लामी त्योहार के लिए अपने संदेश में माफ़ी की पेशकश की, जिसे बलिदान का पर्व भी कहा जाता है।

यह पेशकश अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा अफ़गानिस्तान सहित 12 देशों पर व्यापक यात्रा प्रतिबंध की घोषणा के कुछ दिनों बाद आई है। यह उपाय मुख्य रूप से उन अफ़गानों पर प्रतिबंध लगाता है जो अमेरिका में स्थायी रूप से बसने की उम्मीद कर रहे हैं और साथ ही उन लोगों पर भी जो अस्थायी रूप से अमेरिका जाना चाहते हैं, जैसे कि विश्वविद्यालय अध्ययन के लिए।

कई देशों से अफगान लोगों को किया जा रहा निर्वासित

ट्रंप ने जनवरी में एक मुख्य शरणार्थी कार्यक्रम को भी निलंबित कर दिया, जिससे उन अफगान को समर्थन मिलना बंद हो गया जिन्होंने अमेरिका के साथ गठबंधन किया था और उनमें से दसियों हज़ार लोग फंसे हुए थे।

पड़ोसी पाकिस्तान में रहने वाले अफगान जो पुनर्वास की प्रतीक्षा कर रहे हैं, उन्हें भी इस्लामाबाद सरकार द्वारा देश से बाहर निकालने के लिए निर्वासन अभियान का सामना करना पड़ रहा है। गिरफ़्तारी और निष्कासन से बचने के लिए अक्टूबर 2023 से अब तक लगभग दस लाख लोग पाकिस्तान छोड़ चुके हैं।

वहीं भारत में भी कई अफगान नागरिक रहते हैं, जिन्हें शरण और छात्रवृत्ति दी गई है। इसके अलावा नई दिल्ली ने अभी तक तालिबान सरकार को औपचारिक मान्यता नहीं दी है, लेकिन काबुल में मानवीय सहायता और संपर्क बनाए हुए है।

अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार

अगस्त 2021 के मध्य में तालिबान ने राजधानी काबुल में प्रवेश किया और अफगानिस्तान के अधिकांश हिस्से पर कब्जा कर लिया, जबकि अमेरिका और नाटो सेनाएं 20 साल के युद्ध के बाद देश से अपनी वापसी के अंतिम सप्ताह में थीं।

इस हमले के कारण बड़े पैमाने पर पलायन हुआ, हजारों अफगानी हवाई अड्डे पर उमड़ पड़े, उन्हें उम्मीद थी कि अमेरिकी सैन्य एयरलिफ्ट से कोई उड़ान भरेगा। लोग सीमा पार कर पड़ोसी ईरान और पाकिस्तान भी भाग गए। नए तालिबान शासकों से बचने वालों में पूर्व सरकारी अधिकारी, पत्रकार, कार्यकर्ता, वे लोग भी शामिल थे जिन्होंने तालिबान के खिलाफ अभियान के दौरान अमेरिका की मदद की थी।

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