Swami Avimukteshwaranand: प्रेमानंद महाराज और अन्य संतों को लेकर दिए गए बयानों के कारण रामभद्राचार्य इन दिनों सबके निशाने पर हैं। मंगलवार (26 अगस्त, 2025) को समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने उन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि आप एक गोहत्यारे को अपना मित्र कह रहे हैं, हम आपको धर्मगुरु कैसे मान सकते हैं।
Ashwin: बार-बार मिलकर भी बिछड़ते रहे प्रीति और अश्विन, आखिर क्यों करनी पड़ी अचानक सगाई?
रामभद्राचार्य पर निशाना साधते हुए अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि आप कहते हैं कि मैंने शास्त्र पढ़े हैं, लेकिन शास्त्रों में लिखा है कि जो भी दिव्यांग है उसे संन्यास का अधिकार नहीं है, उसके बाद भी आप लोगों के सामने लाठी लेकर संन्यासी बनकर घूम रहे हैं। आप शास्त्रों के विरोध में कैसे संन्यासी बनकर घूम रहे हैं।
अविमुक्तेश्वरानंद ने बताया, रामभद्राचार्य किसका विरोध करते हैं?
उन्होंने कहा कि आप तुलसी दास जी का विरोध करते हैं, रामानंदाचार्य जी का विरोध करते हैं। आप आदि शंकराचार्य और चारों पीठों के शंकराचार्यों के विरुद्ध टिप्पणी करते हैं, आप उपनिषदों के भी विरोधी हैं।
रामभद्राचार्य पर राजनीति करने का आरोप
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने रामभद्राचार्य पर राजनीति करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह व्यक्ति राजनीतिक मिलीभगत से सिर्फ़ बड़े-बड़े पुरस्कार पाता है और अपनी ही प्रशंसा करता रहता है। तुलसीदास जी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इतने बड़े विद्वान होने के बावजूद उन्होंने कभी अपनी प्रशंसा नहीं की, सिर्फ़ एक कायर ही अपनी प्रशंसा करता है।
अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने खुली चुनौती दी
उन्होंने आगे कहा कि इसीलिए हमें आपके (रामभद्राचार्य) बारे में बात करनी पड़ रही है। उन्होंने आगे कहा कि आप कहते हैं कि आपको डेढ़ लाख पन्ने याद हैं, उन्हें हमारे सामने रख दीजिए, हम उनसे सिर्फ़ 150 सवाल पूछेंगे, बता दीजिए तो हम आपकी जय-जयकार करेंगे।