कैबिनेट की हरी झंडी
वित्तीय ढांचा
इस परियोजना के लिए आवश्यक अतिरिक्त लागत का वितरण इस प्रकार किया गया है –
- पुणे नगर निगम : 227.42 करोड़ रुपये
- ईआईबी द्विपक्षीय ऋण : 341.13 करोड़ रुपये
- राज्य सरकार (करों हेतु) : 45.75 करोड़ रुपये
- राज्य सरकार का ब्याज-मुक्त द्वितीयक ऋण : 68.81 करोड़ रुपये
इस वित्तीय प्रबंधन से परियोजना को बिना किसी बड़े अवरोध के आगे बढ़ाने का रास्ता साफ हो गया है।
क्या हैं अजित पवार की भूमिका?
इस फैसले के पीछे उपमुख्यमंत्री और पुणे ज़िले के पालक मंत्री अजित पवार (ajit pawar) की लगातार कोशिशें अहम रही हैं। उन्होंने लंबे समय से पुणे के दक्षिणी इलाकों में मेट्रो की सुविधाएं बढ़ाने पर जोर दिया था। उनके प्रयासों का ही नतीजा है कि आज यह परियोजना आगे बढ़ाने का रास्ता तैयार हो गया है।
पुणे के नागरिकों को लाभ
नए स्टेशनों के निर्माण से बालाजीनगर और बिबवेवाड़ी क्षेत्रों के नागरिकों को मेट्रो कनेक्टिविटी का सीधा लाभ मिलेगा। वर्तमान में यह क्षेत्र सड़क यातायात की भीड़भाड़ से जूझते हैं। मेट्रो सेवा शुरू होने के बाद लोगों को न केवल समय की बचत होगी बल्कि पर्यावरण-अनुकूल और तेज़ सफर का अनुभव भी मिलेगा।