School of Drone Warfare
चौधरी ने इस दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां ड्रोन तकनीक ने युद्ध के परिणामों को काफी हद तक प्रभावित किया। इसी तरह भविष्य में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित ड्रोन युद्ध निर्णायक साबित हो सकता है। इसलिए इस स्कूल में न केवल ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा, बल्कि ड्रोन से संबंधित हाइटेक तकनीकों और सामरिक रणनीतियों पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
इसके अलावा कार्यक्रम में रुस्तमजी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी का लोगो और पुलिस टेक्नोलॉजी इनोवेशन सेंटर का कम्पेंडियम भी जारी किया गया। अंत में महानिदेशक ने संस्थान के बोर्ड सदस्यों के साथ बैठक की और नवाचार परियोजनाओं व भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की।
BSF अधिकारियों की प्रतिक्रिया
सीमा सुरक्षा बल अकादमी टेकनपुर के निदेशक और अपर महानिदेशक, डॉ. शमशेर सिंह (भा.पु.से) ने कहा कि ड्रोन वॉरफेयर स्कूल न केवल BSF बल्कि पूरे देश की सुरक्षा तंत्र के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। यह संस्थान भविष्य के युद्ध कौशल को दिशा देगा और भारत की सीमाओं को और भी मजबूत बनाएगा।
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