Vijay Sharma on Bupesh baghel scam: छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया है। चैतन्य बघेल मंगलवार तक ईडी की रिमांड पर हैं। जिससे छत्तीसगढ़ की सियासत गरमा गई है। ईडी की कार्रवाई के खिलाफ छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने आज प्रदेश के सभी जिलों में विरोध प्रदर्शन किया। रायपुर के साथ-साथ सरगुजा, बस्तर, दुर्ग, बिलासपुर संभाग में भी कांग्रेस ने प्रदर्शन किया। रायपुर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राम मंदिर के पास वीआईपी चौक पर आर्थिक नाकेबंदी की।
रायपुर में हुए इस विरोध प्रदर्शन में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के बड़े नेता पहुंचे। पूर्व सीएम भूपेश बघेल समेत तमाम नेता सड़कों पर उतर आए और विरोध प्रदर्शन किया। चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी और ईडी की कार्रवाई को लेकर जमकर नारेबाजी हुई। इस मामले में सत्ताधारी नेता आक्रामक हो गए हैं।
सोनम रघुवंशी के भाई का बड़ा बयान, चौंक उठी तीनों राज्यों की पुलिस, आखिर ऐसा क्या बोल दिया?
भ्रष्टाचारियों के बचाव के लिए कांग्रेस ने लगाया जोर Vijay Sharma
कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन पर छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने सवाल उठाते हुए पूछा कि , “क्या कांग्रेस यह कहना चाहती है कि भ्रष्टाचार करने वालों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए, या भ्रष्टाचारियों से कोई पूछताछ नहीं होनी चाहिए। क्या भूपेश बघेल और राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और उनके पति कानून से ऊपर हैं? जब भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को ईडी ने अरेस्ट किया, तो कांग्रेस आर्थिक नाकेबंदी कर रही है। यह पूरी तरह से असंवैधानिक है, उन्हें वापस भेजा जाना चाहिए। यह जनकल्याण के विषय से संबंधित नहीं है। यह विरोध प्रदर्शन गलत है, कांग्रेस ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
#WATCH | On ED arrested Chaitanya Baghel, son of former CM and Congress leader Bhupesh Baghel, Chhattisgarh Deputy CM Vijay Sharma says, “…Is this a matter of public welfare? Does the Congress want to say that no action should be taken against the corrupt? Does the Congress… pic.twitter.com/DS7mhu6WGl
— ANI (@ANI) July 22, 2025
जानिए क्या है छत्तीसगढ़ शराब घोटाला?
जांच के आधार पर ईडी का कहना है कि राज्य में कथित शराब घोटाले की साजिश 2019 से 2022 के बीच रची गई थी, जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार सत्ता में थी। इस जांच के तहत एजेंसी अब तक विभिन्न आरोपियों की लगभग 205 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर चुकी है। वर्ष 2024 में सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पहली ईसीआईआर (एफआईआर) को रद्द कर दिया था, जो आयकर विभाग की एक शिकायत पर आधारित थी। जांच में ईडी ने कहा कि शराब की अवैध बिक्री से प्राप्त कथित कमीशन राज्य के सर्वोच्च राजनीतिक अधिकारियों के निर्देशानुसार बांटा जा रहा था।