Categories: India

सीपी राधाकृष्णन बने देश के 17वें उपराष्ट्रपति, जानिए उनसे जुड़ीं 5 अनसुनी बातें

Vice President Elect CP Radhakrishnan: भारत को नया उपराष्ट्रपति मिल गया है। एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में जीत गए हैं और अब वे राज्यसभा के नए सभापति के रूप में देश की संवैधानिक व्यवस्था में अहम भूमिका निभाएंगे। सरल छवि, आरएसएस से गहरा जुड़ाव, संसदीय अनुभव और दक्षिण भारत में मज़बूत पकड़ रखने वाले राधाकृष्णन का चुनाव राजनीतिक और रणनीतिक, दोनों ही दृष्टि से कई मायनों में महत्वपूर्ण है।

सीपी राधाकृष्णन उन चुनिंदा नेताओं में शामिल हैं जो राजनीति में अनुशासन, गरिमा और स्पष्ट सोच के लिए जाने जाते हैं। दक्षिण भारत में भाजपा के विस्तार की योजना के तहत उनका नाम आगे लाया गया और एनडीए का यह दांव सही साबित हुआ। आइए जानते हैं उनके जीवन, अनुभव और उनके उपराष्ट्रपति बनने के पीछे के राजनीतिक संकेतों के बारे में।

उपराष्ट्रपति चुनाव में सीपी राधाकृष्णन की जबरदस्त जीत, राष्ट्रपति मुर्मु, PM मोदी समेत इन बड़े नेताओं ने दी बधाई

आरएसएस से गहरा वैचारिक जुड़ाव

सीपी राधाकृष्णन का सार्वजनिक जीवन 16 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल होने के साथ शुरू हुआ। उन्होंने आरएसएस की शाखाओं से निकलकर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और धीरे-धीरे भाजपा में एक संगठनात्मक नेता के रूप में अपनी पहचान बनाई। उनकी वैचारिक स्पष्टता और संगठन के प्रति निष्ठा उन्हें पार्टी का एक विश्वसनीय चेहरा बनाती है।

दक्षिण भारतीय राजनीति में मज़बूत उपस्थिति

राधाकृष्णन का जन्म तमिलनाडु के तिरुप्पुर में हुआ था। वे कोयंबटूर से दो बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं और तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उन्हें अक्सर “तमिलनाडु का मोदी” कहा जाता है, जो इस बात का संकेत है कि राज्य में वे कितने प्रभावशाली नेता हैं। उनका उपराष्ट्रपति बनना भाजपा की उस रणनीति को मज़बूत करता है जिसके तहत पार्टी दक्षिण भारत में अपना आधार बढ़ाना चाहती है।

अनुभवी नेता

सीपी राधाकृष्णन का राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव बहुत समृद्ध है। उन्होंने झारखंड, महाराष्ट्र, तेलंगाना और पुडुचेरी जैसे राज्यों में राज्यपाल की भूमिका निभाई है। ख़ासकर झारखंड में, उन्होंने महज 4 महीने के कार्यकाल में सभी 24 जिलों का दौरा करके प्रूफ कर दिया कि वे सिर्फ एक मौजूदा नेता नहीं, बल्कि जनसंपर्क और सक्रिय प्रशासन में यकीन रखने वाले व्यक्ति हैं। साल 2023 में, वे झारखंड के 10वें राज्यपाल बने और 2024 में उन्हें महाराष्ट्र का 24वां राज्यपाल नियुक्त किया गया। अभी तक वे महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में कार्यरत हैं।

संसदीय कार्यों में गहरी रुचि और भागीदारी

राधाकृष्णन ने अपने संसदीय जीवन में कई महत्वपूर्ण समितियों में कार्य किया है। इसके अलावा, उन्होंने 93 दिनों की रथ यात्रा के माध्यम से समाज में व्याप्त विभिन्न मुद्दों पर जागरूकता फैलाई। संसदीय कार्यप्रणाली की उनकी गहरी समझ उन्हें राज्यसभा के सभापति यानी उपराष्ट्रपति पद के लिए एक उपयुक्त विकल्प बनाती है।

स्वच्छ और सर्वसम्मत छवि

राजनीति में शोरगुल और आरोप-प्रत्यारोप के इस दौर में, सीपी राधाकृष्णन उन नेताओं में से एक हैं जो विवादों से दूर रहते हैं। उनकी छवि एक सर्वमान्य नेता की है, जिन्हें न केवल एनडीए में, बल्कि विपक्ष के कुछ वर्गों में भी सम्मान प्राप्त है। एनडीए ने उनके नाम पर विपक्ष से भी संवाद किया था ताकि उन्हें सर्वसम्मति से चुना जा सके।

सीपी राधाकृष्णन होंगे भारत के अगले उपराष्ट्रपति, बी सुदर्शन रेड्डी को मात देकर हासिल की प्रचंड जीत

Ashish kumar Rai

Recent Posts

IHeartMedia shares hit 2-year high on report of Netflix licensing talks

(Reuters) -Shares of iHeartMedia hit their highest in more than two years on Tuesday after…

14 minutes ago

'Unexpected' cancer treatment discovery touted by scientists

Los Angeles (dpa) - Researchers at the Mayo Clinic in the United States say they…

46 minutes ago

Uber operating profit hit by legal expenses, shares fall

By Akash Sriram (Reuters) -Uber missed operating profit expectations on Tuesday and issued a downbeat…

48 minutes ago

UK's Starling signs software deal with Canada's Tangerine, plans 100 hires

By Lawrence White LONDON (Reuters) -Starling Group has signed a 10-year agreement to upgrade core…

2 hours ago

Kimmeridge calls for overhaul at Coterra, says 2021 merger a failure

(Reuters) -Activist investor Kimmeridge on Tuesday called for an overhaul of leadership and strategy at…

2 hours ago

Do calcium pills increase dementia risk? New research debunks link

Sydney (dpa) - As women age, brittle bones or osteoporosis can be a worry, as can…

3 hours ago