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Bharat Ki Shaan Award: डॉ तनुज भाटिया को मिला ‘भारत की शान’ पुरस्कार

डॉ भाटिया कहते हैं कि हमारे जैसे देश में एक्यूट हार्ट अटैक, अकस्मात मृत्यु के मामले ज्यादा हैं, इसको लेकर हमें तकनीक पर फोकस करना होगा और हमने इस दिशा में ईमानदार पहल की है।

Written By: Ashish kumar Rai
Last Updated: 2025-07-21 20:09:41

Bharat Ki Shaan Award: देहरादून के एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज एवं एसएमआई अस्पताल में कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष तथा क्लिनिकल परीक्षण एवं अनुसंधान निदेशक प्रोफेसर डॉ. तनुज भाटिया को ‘भारत की शान’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। ये 7000 से अधिक कोरोनरी एंजियोप्लास्टी करने वाले एक अत्यंत कुशल कार्डियोलॉजिस्ट हैं, इनके पास एमबीबीएस, एमडी (मेडिसिन), डीएम (कार्डियोलॉजी – एसजीपीजीआई लखनऊ) और जर्मनी से स्वास्थ्य सेवा प्रबंधन में डॉक्टरेट की उपाधि है। इन्होंने कई महत्वपूर्ण क्लिनिकल परीक्षणों का नेतृत्व किया है और उनमें भाग लिया है। 

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अपने अनुसंधान से बढ़ाया देश का मान

डॉ तनुज भाटिया का अमेरिकन हार्ट जर्नल में प्रकाशित ‘एक्यूट एमआई द एविस प्रोटोकॉल’ रिसर्च काफी सुर्खियों में है और इसको लेकर इन्होंने वैश्विक मानचित्र पर देश का मान बढ़ा दिया है। एक्यूट एमआई का अर्थ होता है हार्ट अटैक। आर्टरी में कोई ब्लॉकेज आने से मरीज को अचानक हार्ट पेन हो जाता है, फिर वो अस्पताल पहुंचता है, इसी को लेकर डॉ तनुज भाटिया का मूल रिसर्च है, यह एशिया की सबसे ज्यादा संख्या वाली मरीजों की श्रृंखला है और इसमें 105 मरीजों का जिक्र है। डॉ भाटिया कहते हैं कि हमारे जैसे देश में एक्यूट हार्ट अटैक, अकस्मात मृत्यु के मामले ज्यादा हैं, इसको लेकर हमें तकनीक पर फोकस करना होगा और हमने इस दिशा में ईमानदार पहल की है।

 डॉ तनुज भाटिया का कहना है कि श्री गुरु राम राय मेडिकल कॉलेज से जुड़े होने से ‘एक्यूट एमआई द एविस प्रोटोकॉल’ रिसर्च में काफी सहायता मिली। डॉ तनुज भाटिया 12-13 सालों से श्री गुरु राम राय मेडिकल कॉलेज के साथ अभी जुड़े हुए हैं, संस्थान के चेयरमैन श्री महंत देवेंद्र दास जी की कार्यशैली और जीवन से काफी प्रभावित हैं क्योंकि श्री महंत देवेंद्र दास परंपरा के अलावा आधुनिक तकनीक को भी खासा ध्यान देते हैं, देश के बड़े पर्यावरण विद् हैं और महिलाओं से लेकर, गरीबों और समाज के वंचित लोगों के उत्थान के लिए काम करते रहते हैं। श्री महंत देवेंद्र दास का आदर्श वाक्य है “सभी के लिए समान स्वास्थ्य अधिकार”। 

भारत में ह्रदय रोग के बढ़ते रेट से परेशान 

भारत में कार्डियोवैस्कुलर और ह्रदय रोग के बढ़ते मामलों पर डॉ भाटिया ने चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि  हमलोग डायबिटीज कैपिटल हैं, हमलोग ओबेसिटी कैपिटल हैं, और ह्रदय रोग भी महामारी की तरह समाज में फैलता जा रहा है। ह्रदय रोग से युवाओं की अकस्मात मृत्यु काफी सामान्य बात हो गई है, सवाल है इसके कारण क्या हैं, आखिर हम लोग क्या नजरअंदाज कर रहे हैं क्योंकि इस समस्या के आने के कारण हमारे देश की अर्थव्यवस्था का एक हिस्सा हेल्थकेयर में ही खर्च हो रहा है, इसलिए बीमारी से पहले इसको लेकर सजगता और सुरक्षा ज्यादा जरूरी है। इनके अनुसार भारत में ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में ह्रदय रोग की समस्या है। इसलिए,  जरूरी है कि हम प्रभावी उपायों पर काम करें। 

आगे डॉक्टर भाटिया ने कहा कि, हमें रिसर्च को लेकर अमेरिका और यूरोप पर निर्भर नहीं रहना चाहिए बल्कि हमें खुद रिसर्च को विकसित करना चाहिए ताकि हम ह्रदय रोग से लड़ने में आत्मनिर्भर हो सकें। हेल्थकेयर के क्षेत्र में डॉ तनुज भाटिया मानते हैं कि इस पेशे में अनिश्चितता बहुत ज्यादा है, कई बार मरीज की भलाई के लिए कठोर निर्णय लेने होते हैं, इसमें जीवन-मरण का प्रश्न होता है, इसलिए बेहतरी हमेशा ध्यान में रखना चाहिए, और मुझे एक बात बहुत पसंद है हर सोच मरीज को केंद्र में रख कर होनी चाहिए चाहे अस्पताल हो, चाहे डॉक्टर हो, चाहे कैमिस्ट हो, चाहे पॉलिसी हो। डॉ तनुज भाटिया कहते हैं कि इस डिजिटल युग में हमें AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का स्वागत करना चाहिए। डॉ तनुज भाटिया उदाहरण देते हुए कहते हैं कि जैसे वो ओसीटी प्रयोग करते हैं इसमें AI से काफी लाभ पहुंचता है।  डॉ भाटिया मानते हैं कि हर दिन हमारे लिए चुनौतीपूर्ण होता है, इसलिए नए आईडियाज को सामने लाने में हमें हिचकना नहीं चाहिए। साथ ही हमें अपने ज्ञान को साझा करना चाहिए। 

‘बेस्ट डॉक्टर्स अवार्ड’ से भी हो चुके हैं सम्मानित 

बता दें, प्रोफेसर डॉ. तनुज भाटिया वैश्विक कार्डियोलॉजी मंचों पर नियमित वक्ता हैं और उन्हें कई राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं, जिनमें पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी द्वारा “चैंपियंस ऑफ चेंज”, “मेडिकल एक्सीलेंस अवार्ड” और “बेस्ट डॉक्टर्स अवार्ड” शामिल हैं। वे उत्तराखंड क्षेत्र में पीएएमआई कार्यक्रम के प्रति अपने समर्पण के लिए बहुत प्रसिद्ध हैं। “अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी” को सबसे आगे लाना और सभी के लिए, चाहे उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति कुछ भी हो, शुद्ध विज्ञान के आधार पर दिशानिर्देश निर्देशित उपचार प्रदान करना डॉ तनुज भाटिया के जीवन का मकसद और सपना है। डॉ तनुज कहते हैं कि निरंतर सीखने की प्रवृति के प्रयास को अपने विकास का मुख्य मार्ग चुनना चाहिए। इसके अलावा उतार-चढ़ाव हम सभी के जीवन में आते हैं, इसलिए हमें ना केवल अपनी बल्कि दूसरों की गलतियों से भी सबक लेना चाहिए।

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