Mughal Harem Secrets: मुगल हरम (Mughal Harem) से जुड़ी एक से एक कहानियां आज भी प्रचलित हैं। कई किस्से ऐसे हैं जो सोचने पर मजबूर कर देते हैं। हरम से जुडी ऐसी ही कुछ कहानियां आज हम आपके सामने लेकर आए हैं। दरअसल, मुगलों के दौर में हरम का एक बड़ा ही विशेष महत्त्व हुआ करता था। बादशाह अक्सर अपनी थकान मिटाने यहां जाया करते थे, बताते हैं कि यहां राजा के ऐशो आराम का पूरा प्रबंध होता था। यहां तक कि हरम की चारदीवारी के अंदर बादशाह का हुकुम ही चलता था, वही तय करता था कि हरम की कौन सी महिला उसके साथ रात बिताएगी।
हरम में बाहरी मर्द की एंट्री होती थी बैन
इतिहासकार बताते हैं कि हरम किले में ही एक ख़ास जगह पर बनवाया जाता था। मजे की बात ये थी कि मुग़ल काल के लगभग सभी बड़े बादशाह हरम में हजारों की तादाद में एक से एक खूबसूरत महिलाओं को रखते थे। बताते हैं कि इन महिलाओं की सुख सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाता था। हरम की सुरक्षा की जिम्मेदारी किन्नरों के हाथ में होती थी लेकिन बादशाह के अलावा किसी भी बाहरी मर्द का प्रवेश हरम में वर्जित होता था। पकड़े जाने पर एक ही सजा मिलती थी- मौत।
कैसे तय होता बादशाह किसके साथ रात बिताएंगे?
मुग़ल बादशाह जहांगीर के दौर में भारत आए डच कारोबारी फ्रांसिस्को ने मुग़ल काल के बारे में विस्तार से बताया है। वे बताते हैं कि हरम में एक तो सिर्फ बादशाह की एंट्री होती थी दूसरा सिर्फ वही यह तय करने का अधिकार रखते थे कि कौन उनके साथ रात बिताएगा। वो कोई कनीज भी हो सकती थी और बादशाह की बेगम भी। फ्रांसिस्को ने जिक्र किया है कि बादशाह के इस निर्णय को कोई चैलेंज नहीं कर सकता था।
जिसके साथ हमबिस्तर होते बादशाह उसे मरवा दिया जाता
हरम में एक से बढ़कर एक खूबसूरत महिलाएं मौजूद रहती थीं। इन सबके बीच बस इस बात की होड़ रहती थी कि कौन बादशाह के ज्यादा करीब पहुंच सकता है, उनके साथ हमबिस्तर हो सकता है। ऐसे में जब बादशाह का दिल किसी कनीज पर आ जाता और वे उसके साथ हमबिस्तर हो जाते तो ईर्ष्या के चलते बेगमें उस कनीज को बाद में मरवा दिया करती थीं। ऐसा इसलिए किया जाता था कि कहीं बादशाह एक कनीज पर अपना सबकुछ ना लुटा बैठें।