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Christian priest accused: राजस्थान (Rajasthan) के अजमेर शहर में धर्मांतरण (conversion) से जुड़ा एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसने स्थानीय समाज और प्रशासन दोनों को हिला दिया है। आरोप है कि एक ईसाई धर्मगुरु (Christian religious leader) ने परिवारों को लालच और प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन के लिए बाध्य किया। पीड़ित युवक ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उसने न केवल धर्मांतरण के दबाव का आरोप लगाया है बल्कि हिंदू देवी-देवताओं के प्रति अपमानजनक टिप्पणी किए जाने की भी बात कही है।
क्या हैं पूरा मामला?
शिकायतकर्ता के अनुसार, मामला तब शुरू हुआ जब उसकी भतीजी अचानक बीमार हो गई। किसी जानकार ने सलाह दी कि इलाज के लिए उसे कुंदन नगर निवासी पादरी सुनील के पास ले जाया जाए। पादरी ने बच्ची की तबीयत सुधारने के लिए प्रार्थना की और उसे कुछ पीने के लिए दिया। कुछ ही दिनों में बच्ची स्वस्थ हो गई।
देवताओं पर की अपमानजनक टिप्पणी
पीड़ित का कहना है कि बच्ची की तबीयत सुधरने के बाद पादरी ने परिवार से कहा कि तुम्हारे 33 करोड़ देवता कुछ काम नहीं आए, अब यीशु को अपनाओ। यहीं से धर्मांतरण का दबाव शुरू हुआ। पादरी ने दोनों भाइयों से परिवार सहित ईसाई धर्म अपनाने को कहा, लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया।
शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया कि पादरी ने धीरे-धीरे उसकी भाभी को बेटी की शादी और नौकरी का लालच दिया। इस प्रलोभन के चलते उसके भाई का परिवार ईसाई धर्म अपनाने के लिए तैयार हो गया और बपतिस्मा ले लिया। इसके बाद भाई के परिवार ने पीड़ित से संपर्क भी तोड़ लिया।
पुलिस जांच में जुटी
पीड़ित ने बताया कि पादरी ने उसके भतीजे का नाम बदलवाकर उसकी शादी एक ईसाई लड़की से करवा दी और फिर उसे पादरी की नौकरी देकर हिमाचल भेज दिया। वहीं, पीड़ित स्वयं पादरी के प्रलोभन से दूर रहा और धर्म परिवर्तन से इंकार कर दिया। आदर्शनगर थाना पुलिस ने 47 वर्षीय शिकायतकर्ता की रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस के अनुसार आरोपी पादरी सुनील पर धर्मांतरण कराने और हिंदू देवी-देवताओं के प्रति अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अब आरोपी से पूछताछ की तैयारी कर रही है।