प्रवीण वालिया-करनाल, India News (इंडिया न्यूज), Media Dialogue At Rural Development Institute : सकारात्मक पत्रकारिता करें। सटीक सवाल उठाएँ। पत्रकार केवल सवाल ही न करें बल्कि उनके समाधान भी प्रस्तुत करें। यह उद्गार हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान के निदेशक डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने आज संस्थान में पत्रकारों से आयोजित एक संवाद- कार्यक्रम में व्यक्त किये। उपमंडल के पत्रकारों से रूबरू हुए संस्थान के निदेशक, जो स्वयं लंबे अरसे तक पत्रकार और उसके बाद मीडिया के प्रोफेसर भी रहे हैं ,ने कहा कि सटीक सवाल करने का आत्मविश्वास और कौशल निरंतर स्वाध्याय करने से आता है। दुर्भाग्य से वर्तमान दौर में पढ़ने की संस्कृति का बुरी तरह ह्रास हुआ है।
स्वाध्याय का स्वभाव भी विकसित करें
डॉ. चौहान ने कहा कि पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। पत्रकार यदि अपनी कलम और विचारों को समाजहित में प्रयोग करते हुए समस्याओं के साथ-साथ उनके समाधान भी सामने रखें, तो समाज में नई दिशा और सकारात्मकता का संचार होगा।
उन्होंने ने कहा कि पत्रकार बदलते वक्त के अनुसार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस समेत नवीनतम प्रौद्योगिकी से स्वयं को अधिक कुशल बनाएं। अपनी पत्रकारिता में ग्रामीण विकास से जुड़े मसलों को अधिक से अधिक स्थान दें। उन्होंने नई पीढ़ी के पत्रकारों से आह्वान किया कि वह स्वाध्याय का स्वभाव भी विकसित करें।
पत्रकारों को तकनीक के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना होगा
इस अवसर पर हरियाणा पत्रकार संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री के.बी. पंडित ने कहा कि पत्रकारिता एक सेवा भाव है। पत्रकारिता को केवल पेशा न मानकर समाज सेवा के रूप में देखें। उन्होंने कहा कि पत्रकार की सच्चाई और निष्पक्षता ही उसकी सबसे बड़ी ताकत है। यदि पत्रकार ईमानदारी और साहस के साथ काम करेंगे तो समाज में उनका स्थान और भी ऊँचा होगा। जिला करनाल अध्यक्ष श्री राजकुमार प्रिंस ने अपने संबोधन में कहा कि आज के समय में पत्रकारों को तकनीक के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना होगा। उन्होंने कहा कि डिजिटल युग में खबरों की गति बहुत तेज हो गई है, ऐसे में पत्रकार को चाहिए कि वह तथ्यों की गहराई से पड़ताल करके ही समाज के सामने सच्चाई प्रस्तुत करे।
अपनी कलम को न्याय और निष्पक्षता के लिए समर्पित करें
उन्होंने पत्रकारों से अपील की कि वे अपनी कलम को न्याय और निष्पक्षता के लिए समर्पित करें। पूर्व जिला अध्यक्ष कमल मिड्ढा ने कहा कि पत्रकारिता केवल पात्रता और लगन से नहीं चल सकती, बल्कि इसके साथ-साथ पत्रकार को अपने जीवन यापन के लिए एक सशक्त आय स्रोत भी खोजना होगा। उन्होंने कहा कि आज के बदलते दौर में पत्रकारिता का स्वरूप बदला है, ऐसे में पत्रकार को अपनी योग्यता के अनुरूप ऐसे साधन तलाशने होंगे जिससे पत्रकारिता केवल सेवा तक ही सीमित न रहकर उनके जीवन की आर्थिक आवश्यकताओं को भी पूरा कर सके। उन्होंने कहा कि यदि पत्रकार आत्मनिर्भर होगा तभी वह निष्पक्ष और साहसिक पत्रकारिता कर पाएगा। इस संवाद में नीलोखेड़ी क्षेत्र के प्रमुख पत्रकार शिवनाथ कपूर, पवन वर्मा, लक्ष्य टंडन, प्रदीप मेहता, अनूप शर्मा, जोगिंदर चौहान, राजकुमार खुराना भारत शर्मा, अजय वर्मा, धीरज कुमार, संजीव चौहान, वीरेंद्र जांगड़ा एवं रोहित लामसर उपस्थित रहे।