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Jharkhand Traditional Festivals: झारखंड के इस जिले में मां मनसा देवी की होती हैं अनोखी आराधना! सापों से खेलते हैं लोग

Unique Snake Play Ritual in Jharkhand: झारखंड के गिरिडीह जिले में मां मनसा देवी की अनोखी आराधना होत है। यहां लोग 25 साल पुरानी परंपरा निभा रहे हैं जहां सांप खेला आकर्षण का केंद्र हैं।

Written By: shristi S
Last Updated: September 6, 2025 12:30:40 IST

Snake game religious ritual in Jharkhand: झारखंड (Jharkhand) के गिरिडीह जिले में इन दिनों मां मनसा देवी (Mansa Devi) की भक्ति का माहौल है। शहर से लेकर गांव तक श्रद्धालु प्रतिमा स्थापित कर माता की पूजा कर रहे हैं। लेकिन शीतलपुर (Sheetalpur) की मां मनसा पूजा (Mansa Devi Puja) बाकी जगहों से बिल्कुल अलग है। यहां पिछले 25 सालों से एक ऐसी परंपरा निभाई जा रही है, जो पूरे इलाके को आकर्षित करती है।

किसने की परंपरा की शुुरुआत?

जानकारी के लिए बता दें कि यहां लगभग 25 साल पहले गांव के स्वर्गीय रामधारी राम ने मां मनसा देवी की मूर्ति स्थापित कर इस पूजा की नींव रखी थी। उनका उद्देश्य केवल धार्मिक आस्था को जगाना नहीं था, बल्कि पूरे गांव को एक सूत्र में बांधना भी था। तब से लेकर आज तक यह आयोजन लगातार होता आ रहा है और पीढ़ी दर पीढ़ी ग्रामीण इसे आगे बढ़ा रहे हैं।

पूजा के दिनों में शीतलपुर का वातावरण पूरी तरह धार्मिक रंग में रंग जाता है। महिलाएं मंगलगीत गाती हैं, पुरुष मां के दरबार में भक्ति-भाव से झूमते और गाते हैं। हर घर से लोग मिलकर अनुष्ठान में भाग लेते हैं और सामूहिक रूप से मां की आराधना करते हैं। ग्रामीणों का विश्वास है कि मां मनसा की कृपा से गांव में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।

सांप खेला हैं इस पूजा की अनोखी परंपरा

इस पूजा की सबसे अनोखी परंपरा है ‘सांप खेला’ (Snake Play) जो अंतिम दिन आयोजित किया जाता है। इसमें ग्रामीण जीवित सांपों के साथ खेलते हैं। यह दृश्य भक्तों और दर्शकों के लिए आस्था और रोमांच दोनों का संगम होता है। श्रद्धालु मानते हैं कि मां मनसा की शक्ति ही उन्हें इस आयोजन को बिना किसी बाधा के संपन्न करने की शक्ति प्रदान करती है।

श्रद्धालुओं का उमड़ता है सैलाब

मां मनसा पूजा के समय शीतलपुर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ती है। आसपास के गांवों और कस्बों से भी लोग यहां दर्शन और सांप खेला देखने पहुंचते हैं। धार्मिक आस्था और लोक परंपरा का यह संगम शीतलपुर को पूरे जिले में एक अलग पहचान दिला चुका है।

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