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Bihar crime news: अपराध की धरती पर पुलिस की पैनी नजर अक्सर बड़ी घटनाओं को टाल देती है। ऐसा ही मामला सामने आया है बिहार के सीवान जिले से, जहां पुलिस ने समय रहते कार्रवाई करते हुए एक बड़ी आपराधिक वारदात को अंजाम देने से पहले ही पांच अपराधियों को धर दबोचा।
क्या हैं पूरा मामला?
यह गिरफ्तारी हाल ही में हुए उस संगीन मामले से जुड़ी है, जिसमें 28 अगस्त को रिसौरा बाजार स्थित नेहा ज्वेलर्स एवं बर्तन भंडार पर अपराधियों ने फायरिंग की थी। इसके बाद 31 अगस्त को 20 लाख रुपए रंगदारी की मांग भी की गई थी। इस घटना के बाद से ही पुलिस अपराधियों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही थी।
कैसें मिली पुलिस को सूचना?
पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि कुछ अपराधी महुआरी रेलवे ओवरब्रिज के पास बड़ी लूट की योजना बना रहे हैं। सूचना मिलते ही DIU टीम और महाराजगंज थाना पुलिस संयुक्त रूप से मौके पर पहुंची। पुलिस को देखते ही अपराधी भागने लगे, लेकिन घेराबंदी कर पांच को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया। एक अपराधी अंधेरे का फायदा उठाकर फरार होने में सफल रहा।
गिरफ्तार अपराधियों के पास से दो देसी कट्टा, छह जिंदा कारतूस और पांच मोबाइल फोन बरामद किए गए। पूछताछ में अपराधियों ने कबूल किया कि ज्वेलर्स और बर्तन भंडार पर फायरिंग व रंगदारी की वारदात इन्हीं के गिरोह ने अंजाम दी थी।
गिरफ्तार अपराधियों की पहचान
पुलिस ने जिन पांच अपराधियों को पकड़ा है, उनकी पहचान इस प्रकार हुई हैं। राहुल कुमार, पिता उमेश यादव (निवासी महुआरी, महाराजगंज), रूपेश कुमार यादव, पिता मनोज यादव (महुआरी, महाराजगंज), चंदन कुमार, पिता शैलेन्द्र सिंह (रिसौरा), बिपिन कुमार प्रसाद, पिता वैधनाथ प्रसाद (सूरबीर), शक्ति माया पाण्डेय, पिता विनय पाण्डेय वहीं, बिट्टू कुमार यादव (पिता लालबाबु यादव, निवासी महुआरी) फरार चल रहा है, जिसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही है।
पुलिस की प्रतिक्रिया
महाराजगंज SDPO अमन ने प्रेस वार्ता कर बताया कि यह गिरफ्तारी पुलिस के लिए बड़ी सफलता है। अपराधियों की गिरफ्तारी से क्षेत्र में अपराध की बड़ी वारदात टल गई और लोगों में विश्वास बहाल हुआ है।