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Hathnikund Barrage water release: ग्रेटर नोएडा (greater noida) और आसपास के इलाकों में इस समय बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। हथनीकुंड बैराज से करीब 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद यमुना और हिंडन नदियों (Hindon river) का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। दिल्ली से लेकर मथुरा तक इसका सीधा असर देखने को मिल रहा है। गौतम बुद्ध नगर जिले के कई गांव जलमग्न हो चुके हैं और हजारों लोगों को अपनी जान-माल बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा है।
गांवों और फसलों पर पड़ा असर
प्रशासन के मुताबिक, जिले के 43 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। इनमें तहसील सदर के 12 गांव, दादरी के 6 गांव और जेवर के 25 गांव शामिल हैं। जहां सदर और दादरी के गांवों में आबादी प्रभावित हुई है, वहीं जेवर इलाके में किसानों की हजारों बीघा फसलें पानी में डूबकर नष्ट हो गई हैं। किसानों के लिए यह नुकसान बेहद भारी साबित हो रहा है क्योंकि कई महीनों की मेहनत एक झटके में खत्म हो गई है।
प्रशासन ने शुरु किया रेस्क्यू अभियान
स्थिति बिगड़ते ही जिला प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किए। अब तक लगभग 3800 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, जिनमें से 2637 लोग बाढ़ शरणालयों में रह रहे हैं। इन शरणालयों में सामुदायिक रसोई के जरिए तीन समय का भोजन, साफ पानी और पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, स्वास्थ्य सेवाओं को ध्यान में रखते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी की ओर से कई मेडिकल कैंप भी लगाए गए हैं।
जिला प्रशासन की टीमें लगातार प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचकर लोगों को मदद मुहैया करा रही हैं। जिलाधिकारी मेधा रूपम खुद हालात पर नजर बनाए हुए हैं और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे रही हैं।
क्या हैं जेवर एयरपोर्ट के पास रनहेरा गांव की स्थिति?
सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका जेवर एयरपोर्ट (Jewar Airport) के पास स्थित रनहेरा गांव है। यह गांव पिछली बार भी बाढ़ की चपेट में आया था और लंबे समय तक यहां के लोग पानी में फंसे रहे थे। प्रशासन ने इस बार दावा किया था कि बाढ़ से निपटने के लिए जरूरी उपाय कर लिए गए हैं, लेकिन लगातार बारिश और नदियों के उफान ने सारे इंतज़ाम नाकाफी साबित कर दिए। गुरुवार को पानी का स्तर लाल निशान पार कर गया, जिसके बाद यहां से 35 लोगों को रेस्क्यू करना पड़ा।
जलस्तर की मौजूदा स्थिति
यमुना नदी (Yamuna River) का जलस्तर गुरुवार दोपहर 3 बजे तक 200.60 मीटर दर्ज किया गया, जो कि सीधे खतरे के बिंदु पर है। दिल्ली के ओखला बैराज पर यमुना का चेतावनी बिंदु 202.17 मीटर और खतरे का बिंदु 200.60 मीटर तय है। हिंडन नदी का जलस्तर इस समय 200 मीटर है, जो अभी चेतावनी स्तर से लगभग 5 मीटर नीचे है। इसका मतलब है कि यमुना नदी सबसे बड़ा खतरा बनी हुई है, जबकि हिंडन नदी अभी तत्काल संकट की स्थिति में नहीं पहुंची है।