Live
ePaper
Search
Home > State > Uttar Pradesh > Mathura Bazar: मथुरा के 120 साल पुराने बाजार को मिलेगी नई शक्ल, अब लोगों को मिलेगा ये खास लाभ

Mathura Bazar: मथुरा के 120 साल पुराने बाजार को मिलेगी नई शक्ल, अब लोगों को मिलेगा ये खास लाभ

120 years old Mathura Bazar: मथुरा बाजार (Mathura Bazar) की स्थापना का 120 वर्ष पुराना इतिहास है। 13 मजरों वाले ग्राम पंचायत मथुरा बाजार को नगर का दर्जा मिलने वाला है। मथुरा बाजार की 41 हजार आबादी को अब शहर की सुविधाएं मिलने वाली हैं। बलरामपुर व श्रावस्ती जनपदों के 120 गांवों की 75 हजार आबादी को शहर बनने का लाभ मिलेगा।

Written By: shristi S
Last Updated: September 4, 2025 15:46:44 IST

Transformation of Mathura Bazar: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बलरामपुर जिले का ऐतिहासिक मथुरा बाजार (Mathura Bazar) अब गाँव से नगर बनने की ओर अग्रसर है। 120 वर्ष पुराने इस बाजार की पहचान न सिर्फ आस-पास के गाँवों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए है, बल्कि यह शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यापार का भी प्रमुख केंद्र रहा है। शासन को भेजे गए प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद इसे नगर पंचायत का दर्जा मिलने वाला है। इससे मथुरा बाजार और आसपास की 75 हजार से अधिक आबादी को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।

क्या हैं बाजार का इतिहास?

मथुरा बाजार (Mathura Bazar) की स्थापना वर्ष 1804 में तहसीलदार मथुरा प्रसाद ने की थी। उनका उद्देश्य आसपास के ग्रामीणों को दैनिक उपयोग की वस्तुएं आसानी से उपलब्ध कराना था। बाद में बलरामपुर स्टेट के महाराजा दिग्विजय सिंह ने यहां भव्य शिव मंदिर की स्थापना कर इस बाजार की गरिमा को और बढ़ाया। तभी से यह क्षेत्र धार्मिक और व्यावसायिक गतिविधियों का केंद्र बना रहा है।

जनगणना (Census) 2011 में मथुरा बाजार की आबादी 31,431 थी, जो अब बढ़कर करीब 40,500 हो चुकी है। यहां का जनसंख्या घनत्व 1813 है। पूरे क्षेत्र में 13 मजरे शामिल हैं, जिनकी आबादी करीब 41 हजार है। यही नहीं, बलरामपुर और श्रावस्ती जनपदों की सीमा पर बसे 120 से अधिक गाँवों की लगभग 75 हजार आबादी रोजमर्रा की ज़रूरतों के लिए इस बाजार पर निर्भर करती है।

सुविधाओं से होगा सुसज्जित

मथुरा बाजार पहले से ही कई शहरी सुविधाओं से लैस है। यहां डिग्री कॉलेज, इंटर कॉलेज, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पुलिस चौकी, व्यवसायिक केंद्र, प्राइवेट नर्सिंग होम, राष्ट्रीयकृत बैंक, डाकघर और बिजली जैसी व्यवस्थाएं मौजूद हैं। यह बाजार शिक्षा का भी प्रमुख केंद्र है राम शंकर भारतीय इंटर कॉलेज वर्षों से गाँवों के बच्चों को उच्च शिक्षा देने में योगदान कर रहा है।

बाजार का लगभग 74 प्रतिशत क्षेत्र कृषि प्रधान है। यहां की 50 प्रतिशत आबादी कृषि कार्य पर निर्भर है, जबकि शेष 50 प्रतिशत लोग अन्य व्यवसायों से जुड़े हैं। बाजार में बर्तन, कपड़े, जेवर और अन्य घरेलू सामानों की खरीदारी के लिए दूर-दराज़ के गाँवों से लोग पहुंचते हैं। यही वजह है कि मथुरा बाजार व्यापारिक गतिविधियों का गढ़ बन चुका है।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

नगर पंचायत का दर्जा मिलने की खबर से स्थानीय लोग उत्साहित हैं। बाजारवासियों प्रताप नारायण सैनी, शिव कुमार गुप्ता, दीनानाथ सोनी और निरंजन सोनी ने कहा कि नगर पंचायत बनने से रोजगार और कारोबार के अवसर बढ़ेंगे। साथ ही गांवों को शहर जैसी सुविधाएं भी मिलने लगेंगी।

MORE NEWS

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?