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Rajasthan Shiksha Veer: राजस्थान में “शिक्षा वीर” योजना पर सियासी संग्राम, विपक्ष नेता टीकाराम ने कहा- ‘सरकार ने उच्च शिक्षा में भी अग्निवीर मॉडल…’

Tikaram Juli on Rajasthan Shiksha Veer recruitment: कांग्रेस ने राजस्थान सरकार की "शिक्षा वीर" भर्ती योजना पर हमला बोला है। टीकाराम जूली ने इसे उच्च शिक्षा में "अग्निवीर मॉडल" बताया और कहा कि स्थायी नियुक्तियों की बजाय कम वेतन पर अस्थायी भर्तियाँ युवाओं के साथ विश्वासघात है।

Written By: shristi S
Last Updated: September 2, 2025 13:21:18 IST

Rajasthan Shiksha Veer recruitment 2025: राजस्थान में “शिक्षा वीर” भर्ती योजना पर जारी यह राजनीतिक घमासान आने वाले दिनों में और तेज होने की संभावना है। एक ओर सरकार इसे त्वरित समाधान बता रही है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष इसे युवाओं के भविष्य और शिक्षा की गुणवत्ता से खिलवाड़ करार दे रहा है। विधानसभा में यह मुद्दा गरमा चुका है और सियासी बयानों से साफ है कि आने वाले समय में यह बहस प्रदेश की राजनीति का बड़ा मुद्दा बनेगी।

 कांग्रेस ने साधा निशाना

राजस्थान की राजनीति इस समय एक नई बहस के केंद्र में है। राज्य सरकार द्वारा हाल ही में उच्च शिक्षा विभाग में “शिक्षा वीर” भर्ती योजना लागू करने के फैसले ने विधानसभा से लेकर सड़कों तक हलचल मचा दी है। योजना के तहत अस्थायी शिक्षकों की भर्ती की जाएगी, जो पांच वर्ष के अनुबंध पर अल्प वेतन पर कार्य करेंगे। कांग्रेस ने इसे सीधे तौर पर युवाओं के साथ छलावा करार देते हुए भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है।

क्या हैं योजना की पृष्ठभूमी?

राज्य की कैबिनेट ने हाल ही में फैसला लिया कि कॉलेजों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए “शिक्षा वीर” नामक योजना लाई जाएगी। इस योजना के तहत नियमित नियुक्तियों की बजाय अस्थायी फैकल्टी रखी जाएगी। सरकार का तर्क है कि इससे तेजी से खाली पद भरे जाएंगे और विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित नहीं होगी।

“अग्निवीर मॉडल” की तर्ज पर शिक्षा- टीकाराम

कांग्रेस ने इस घोषणा का तीखा विरोध किया है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने बयान दिया कि भाजपा सरकार ने उच्च शिक्षा में भी “अग्निवीर मॉडल” लागू कर दिया है। उनका कहना है कि बजट में 1.25 लाख सरकारी नौकरियों का वादा करने वाली सरकार अब स्थायी भर्तियों से पीछे हट गई है और युवाओं को 5 वर्ष की अस्थायी नौकरी का झुनझुना पकड़ा रही है। जूली ने इसे युवाओं के साथ “बड़ा धोखा” बताया और आरोप लगाया कि सरकार ठेका प्रथा को बढ़ावा देकर उच्च शिक्षा को भी अस्थिर रोजगार की ओर धकेल रही है।

शिक्षा की गुणवत्ता पर उठाए सवाल

कांग्रेस प्रवक्ताओं ने तर्क दिया कि अल्प वेतन और अस्थायी नियुक्ति वाले “शिक्षा वीर” न केवल शिक्षकों के भविष्य को असुरक्षित करेंगे बल्कि इससे उच्च शिक्षा की गुणवत्ता पर भी नकारात्मक असर पड़ेगा। उनका मानना है कि योग्य और कुशल शिक्षक तभी लंबे समय तक टिकते हैं जब उन्हें स्थायी और सम्मानजनक अवसर मिले।

टीकाराम ने कांग्रेस का बताया रिकॉर्ड

टीकाराम जूली ने भाजपा सरकार पर पलटवार करते हुए कांग्रेस के कार्यकाल की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने पांच साल के कार्यकाल में 310 नए सरकारी कॉलेज खोले थे। छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए विद्या संबल योजना के तहत गेस्ट फैकल्टी की अस्थायी नियुक्ति की गई थी। लेकिन वह एक अंतरिम व्यवस्था थी, जब तक नियमित भर्तियाँ पूरी नहीं हो जाएं। जूली के अनुसार भाजपा सरकार ने अब स्थायी भर्तियाँ करने की बजाय “शिक्षा वीर” नाम से अस्थायी भर्ती मॉडल लागू कर दिया है, जो प्रदेश की शिक्षा प्रणाली को ठेका प्रथा की ओर धकेलने की शुरुआत है।

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