India News (इंडिया न्यूज), LPG Gas Tanker Accident : कोहंड असंध मार्ग की हालत बड़ी ही दयनीय बनी हुई है। इस रास्ते पर कई-कई फीट गहरे गढ्ढे बने हुए हैं। यहां से वाहन लेकर गुजरना तो दूर इस रास्ते पर पैदल चलना भी खतरों से खाली नहीं है। बरसात के दिनों में ये गढ्ढे दिखाई नहीं देते। जिस कारण यहां हर रोज हादसे होते रहते हैं। ऐसा लगता है पीडब्ल्यूडी विभाग इस रास्ते को ठीक न करवाकर किसी बड़े हादसे की बाट जोह रहा है।
बड़ा हादसा होने से टल गया
सोमवार दोपहर लगभग 1 बजे एलपीजी गैस से भरा एक टैंकर कांडला गुजरात से गुढ्ढा गैस प्लांट करनाल में खाली करने के लिए जा रहा था। जैसे ही यह गैस से भरा टैंकर कुताना चौंक के पास पहुंचा तो गहरे गढ्ढे होने के कारण टैंकर दो भागों में बंट गया। गाड़ी का अगला हिस्सा अलग और टैंकर अलग हो गया। और बड़ा हादसा होने से टल गया। बता दें कि जब यह हादसा हुआ तब यह टैंकर गैस से भरा हुआ था। गनीमत ये रही कि गैस का टैंकर लीक नहीं हुआ और बड़ा हादसा होने से टल गया।
प्रतिदिन कोई न कोई मोटरसाइकिल या साइकिल सवार राहगीर यहां गिरकर घायल हो जाता
रामकिशन, हरीराम, नरेश, पालेराम, बलवान, जगबीर सिंह, मांगेराम, सुरेंद्र आदि ग्रामीणों और राहगीरों ने बताया कि इस रास्ते से रोजाना हाजारों की संख्या में तेल के टैंकर, गैस के टैंकर व अन्य भारी भरकम वाहन और बस दिन-रात चलती रहती हैं। कई हजारों की संख्या में श्रमिक दूर दराज से रिफाइनरी में काम करने के लिए व अन्य काम के लिए यहां इस रास्ते से आते हैं। रात के समय वाहनों की लाइट लगने के कारण ये गढ्ढे दिखाई नहीं देते और हादसा होने का डर सताता रहता है। प्रतिदिन कोई न कोई मोटरसाइकिल या साइकिल सवार राहगीर यहां गिरकर घायल हो जाता है।
ब्रेक लगाई तो पीछे लगा टैंकर टूटकर अलग हो गया
टैंकर ड्राइवर ने बताया कि वह गुजरात के कांडला से गुढ्ढा गैस प्लांट करनाल में ले जा रहा था। उसने बताया कि टैंकर में गैस भरी हुई थी। जैसे ही ड्राइवर ने गढ्ढे को बचाने के लिए ब्रेक लगाई तो पीछे लगा टैंकर टूटकर अलग हो गया। गनीमत ये रही की टैंकर टूटने पर गैस लीक नहीं हुई। अगर गैस लीक हो जाती तो बड़ा हादसा हो जाता। ग्रामीणों व राहगीरों ने बताया कि यह सड़क पिछले कई महीनों से खराब हो चुकी है। जिसके बारे में विभाग व सरकार को भी जानकारी है। पता नहीं किन कराण से इसको ठीक नहीं किया जा रहा या विभाग किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है। ग्रामीणों और राहगिरों ने पीडब्ल्यूडी विभाग और सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द इस रास्ते को बनवाया जाए ताकि हादसे न हों।
जयपुर जैसा भयानक हो सकता था हादसा
राहगीरों और आस-पास के ग्रामीणों ने बताया कि एलपीजी गैस से भरे टैंकर से यदि गैस लीक हो जाती और आग लग जाती तो जयपुर जैसा भयानक हादसा हो सकता था। बता दें कि जयपुर में जो एलपीजी गैस टैंकर हादसा हुआ था उसमें 12 लोगों की जान गई थी और 35 लोग बुरी तरह झुलस गए थे। इतना ही नहीं दर्जन भर गाड़ियां जलकर खाक हो गई थी।