India News (इंडिया न्यूज), Kumari Selja On Waterlogging And Flood : पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने हरियाणा के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति दिनों-दिन गंभीर होने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि सरकार को बचाव एवं राहत कार्य में तेजी लानी चाहिए, जलभराव प्रभावित क्षेत्रों से जल निकासी का प्रबंध करना चाहिए। बर्बाद हुई फसलों की तुरंत गिरदावरी करवाकर किसानों को मुआवजा दिया जाए। कुमारी सैलजा कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे बाढ़ प्रभावित और संभावित क्षेत्रों में जाकर लोगों की मदद करें।
- हरियाणा के कई जिलों में बाढ़ की दिनों-दिन गंभीर होती जा रही है बाढ़ की स्थिति: कुमारी सैलजा
- सरकार को तुरंत आगे आकर जनता की मदद करनी चाहिए, जलभराव प्रभावित क्षेत्र से की जाए जल निकासी
राज्य सरकार से तुरंत राहत कार्य तेज करने की मांग की
मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि लगातार बारिश और जलभराव के कारण हजारों एकड़ फसलें पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं, जिससे किसान गहरे संकट में हैं। प्रभावित गांवों और शहरों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इस स्थिति को देखते हुए कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए राज्य सरकार से तुरंत राहत कार्य तेज करने की मांग की है। भाजपा सरकार को तुरंत आगे आकर जनता की मदद करनी चाहिए। बर्बाद हुई फसलों का शीघ्र सर्वे करवा कर उचित मुआवजा दिया जाए। प्रभावित क्षेत्रों में विशेष गिरदावरी करवाई जाए और नुकसान का सही आकलन कर किसानों को राहत राशि प्रदान की जाए। इसके अतिरिक्त आबादी वाले क्षेत्रों में पानी की निकासी के लिए पर्याप्त पंपों का विशेष प्रबंध किया जाए ताकि लोगों के घरों में जलभराव से होने वाले स्वास्थ्य संकट को रोका जा सके।
स्वास्थ्य विभाग की टीमें प्रभावित क्षेत्रों में सक्रिय रूप से भेजें
सांसद कुमारी सैलजा ने शासन और प्रशासन से अपील की है कि वे राहत शिविरों का प्रबंध करें, पीने का साफ पानी उपलब्ध कराएं और बीमारियों को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमें प्रभावित क्षेत्रों में सक्रिय रूप से भेजें। कांग्रेस पार्टी हर संभव मदद के लिए जनता के साथ खड़ी है और इस कठिन समय में पीड़ितों की आवाज उठाती रहेगी। कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश की चार प्रमुख नदियां यमुना नदी, मारकंडा, टांगरी और घग्गर नदी का लगातार जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा अभी भी बना हुआ है। जलस्तर कम होने पर अधिकारियों को हाथ पर हाथ रखकर बैठने के बजाए स्थिति पर पूरी निगरानी रखनी होगी क्योंकि अभी तक बाढ़ का खतरा टला नहीं है। हर नदी के समीपवर्ती क्षेत्रों में अभी भी बाढ़ का खतरा बना हुआ है, पहले जलस्तर बढने से हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो चुकी है। सिरसा में नदी क्षेत्र में भी फसलें पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है।