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JEE Advance 2025: छात्रों की पहली पसंद बनी ये IIT, टॉप 5000 में 339 रैंकर्स ने क्यों नहीं लिया एडमिशन?

JEE एडवांस्ड 2025 के एडमिशन ट्रेंड्स साफ तौर पर दिखाते हैं कि छात्रों के बीच IIT बॉम्बे और दिल्ली का आकर्षण लगातार बरकरार है। वहीं नई और निचली श्रेणी की IIT को लेकर छात्रों का भरोसा अभी भी नहीं बन पाया है।

Written By: shristi S
Last Updated: August 29, 2025 16:03:50 IST

India News (इंडिया न्यूज), JEE Advance: JEE एडवांस्ड 2025 का परिणाम और काउंसलिंग प्रक्रिया इस साल कई रोचक ट्रेंड लेकर आई है। जॉइंट इंप्लीमेंटेशन कमिटी (JIC) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार देश की टॉप रैंकर्स ने अब भी IIT बॉम्बे और दिल्ली को ही पहली पसंद बनाया है, जबकि कई नई और निचली श्रेणी की IIT छात्रों की प्राथमिकता सूची से बाहर रहीं। रिपोर्ट यह भी बताती है कि टॉप 5000 में से 339 उम्मीदवारों ने IIT में दाखिला ही नहीं लिया, जिनमें से अधिकांश ने विदेशी विश्वविद्यालयों या रिसर्च इंस्टीट्यूट्स को प्राथमिकता दी।

IIT बॉम्बे का दबदबा

टॉप 100 रैंकर्स में से 73 उम्मीदवारों ने IIT बॉम्बे को चुना, जबकि 19 ने दिल्ली और केवल 6 ने मद्रास का रुख किया। यही रुझान आगे भी दिखाई दिया जिसमें टॉप 200 में बॉम्बे को 105, दिल्ली को 44 और मद्रास को 35 ने चुना। टॉप 500 तक आते-आते बॉम्बे 183, दिल्ली 114 और मद्रास 77 पर पहुँच गया। टॉप 1000 में बॉम्बे ने 252 और दिल्ली ने 196 छात्रों को आकर्षित किया। जिससे यह स्पष्ट है कि कंप्यूटर साइंस और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी हाई-डिमांड ब्रांचों के लिए बॉम्बे और दिल्ली की ख्याति अब भी सबसे ऊपर है।

नई आईआईटीज़ को लेकर बेरुखी

JIC की रिपोर्ट के अनुसार देश की 9 IIT धनबाद, जोधपुर, मंडी, भुवनेश्वर, जम्मू, गोवा, भिलाई, पलक्कड़ और धरवाड़ – को टॉप 2000 रैंक तक किसी भी उम्मीदवार ने नहीं चुना। यही नहीं, टॉप 1000 रैंक तक रोपड़, पटना और तिरुपति भी खाली रह गईं। यह साफ दिखाती है कि प्लेसमेंट अवसर, रिसर्च फंडिंग और कंपनियों की पहुंच के मामले में नई IIT अभी टॉप संस्थानों की बराबरी नहीं कर पाई हैं।

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339 टॉपर्स ने नहीं लिया IIT में दाखिला

एक चौंकाने वाला तथ्य यह भी सामने आया कि टॉप 5000 में से 339 उम्मीदवारों ने IIT में प्रवेश ही नहीं लिया। इनमें टॉप 100 में 2, 200 में 4, 500 में 16, 1000 में 42 और 2000 में 79 उम्मीदवार शामिल हैं। इनमें से कई ने विदेशी यूनिवर्सिटी को प्राथमिकता दी है, जहां उन्हें स्कॉलरशिप और रिसर्च के बेहतर अवसर उपलब्ध हैं। वहीं कुछ छात्रों ने अपनी मनपसंद IIT या कंप्यूटर साइंस ब्रांच न मिलने पर अगले प्रयास का विकल्प चुना।

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टॉप 1000 में बॉम्बे और दिल्ली का दबदबा

टॉप 1000 उम्मीदवारों में 958 ने IIT में एडमिशन लिया। इनमें से लगभग 47% यानी 448 छात्रों ने केवल बॉम्बे और दिल्ली को चुना। टॉप 500 में यह आंकड़ा 60% और टॉप 100 में 94% तक पहुंच गया।

प्लेसमेंट और स्टार्टअप कल्चर का असर

शिक्षा विशेषज्ञ देव शर्मा का मानना है कि नई आईआईटीज़ में बड़ी कंपनियों का आना मुश्किल होता है। प्लेसमेंट पैकेज भी कम रहते हैं, जिससे छात्रों का रुझान वहां कम है। दूसरी ओर बॉम्बे, दिल्ली और मद्रास जैसी संस्थान न केवल अच्छे पैकेज बल्कि ग्लोबल एक्सपोज़र, रिसर्च अवसर और स्टार्टअप्स के लिए बेहतर फंडिंग उपलब्ध कराते हैं।

कोटा की वजह से दिल्ली ज़ोन टॉपर

इस बार भी दिल्ली ज़ोन ने 36.78% सफलता दर के साथ टॉप किया है। विशेषज्ञों के अनुसार कोटा जैसे कोचिंग हब से बड़ी संख्या में छात्रों की सफलता इसका मुख्य कारण है। बॉम्बे ज़ोन 34.07% के साथ दूसरे और हैदराबाद 33.7% के साथ तीसरे स्थान पर रहा।

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