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करनाल के युवक की अमरीका में सड़क हादसे में हुई मौत, 2 साल पहले 45 लाख खर्च कर डंकी से भेजा था विदेश

अमेरिका में सड़क हादसों में करनाल के कई युवक पहले भी जान गवा चुके एक बार फिर से करनाल के युवक की अमेरिका में सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गई जिस युवक के परिवार और करनाल में मातम छा गया। मृतक युवक की पहचान 24 वर्षीय आशीष मान के रूप में हुई है। वह करनाल की वजीरचंद कॉलोनी का रहने वाला था। आशीष तीन भाइयों में सबसे छोटा था।

Written By: Anurekha Lambra
Last Updated: 2025-08-25 21:20:13

करनाल-इशिका ठाकुर, India News (इंडिया न्यूज), Karnal Youngman Died In America : अमेरिका में सड़क हादसों में करनाल के कई युवक पहले भी जान गवा चुके एक बार फिर से करनाल के युवक की अमेरिका में सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गई जिस युवक के परिवार और करनाल में मातम छा गया। मृतक युवक की पहचान 24 वर्षीय आशीष मान के रूप में हुई है। वह करनाल की वजीरचंद कॉलोनी का रहने वाला था। आशीष तीन भाइयों में सबसे छोटा था।

परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने का सपना लेकर अमेरिका गया था

आशीष ट्रक ड्राइवर का काम करता था और परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने का सपना लेकर अमेरिका गया था। हादसा किस वजह से हुआ, इसको लेकर अभी तक कोई साफ जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन बताया जा रहा है कि ट्रक सड़क किनारे खड़े पेड़ से टकराया। इस घटना की सूचना जब परिवार को मिली तो पूरे घर में कोहराम मच गया। माता-पिता और भाई हादसे की खबर सुनकर सदमे में हैं और घर का माहौल गमगीन हो गया है।

Karnal Youngman Died In America

आशीष 2023 में डंकी के रास्ते अमेरिका गया था

मृतक के भाई अंकुर ने बताया कि आशीष 2023 में डंकी के रास्ते अमेरिका गया था। उसे भेजने के लिए परिवार ने करीब 45 लाख रुपए खर्च किए थे, जिनमें से अधिकांश पैसा कर्ज लेकर जुटाया गया था। आशीष पिछले एक साल से अमेरिका में ट्रक ड्राइविंग कर रहा था। उसके भाई अंकुर मान ने बताया कि आशीष ड्राइविंग में काफी एक्सपर्ट था। इंडिया में भी उसने लंबे समय तक ट्रक चलाया था। यही वजह थी कि अमेरिका जाकर भी उसने इसी काम को चुना। परिवार को उम्मीद थी कि उसकी मेहनत से जल्द ही घर की स्थिति सुधरेगी। 

घटना किसी “ग्रीन वैली” नामक जगह के पास हुई बताई जा रही

आशीष खुद भी अपने घरवालों का सहारा बनना चाहता था, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। अंकुर ने बताया कि हादसा वहां की दोपहर करीब ढाई बजे हुआ। घटना किसी “ग्रीन वैली” नामक जगह के पास हुई बताई जा रही है। परिवार को अमेरिका से रात के समय फोन आया और उन्हें इस दुखद घटना के बारे में जानकारी मिली। अंकुर का कहना है कि आशीष से रोजाना बातचीत होती थी, लेकिन हादसे वाले दिन उसका फोन लगातार स्विच ऑफ आ रहा था। पहले लगा कि शायद वह आराम कर रहा होगा, लेकिन देर रात आई कॉल ने परिवार की खुशियां मातम में बदल दीं। 

सभी को भरोसा था कि आशीष वहां जाकर मेहनत करेगा और धीरे-धीरे सब कर्ज चुका देगा

आशीष अमेरिका के कैलिफोर्निया के फ्रेंजो (Fresno) में रहता था। वहीं से वह ट्रक लेकर अक्सर लंबी-लंबी यात्राओं पर निकलता था। हादसा जिस जगह हुआ, वह फ्रेंजो से करीब 2100 माइल्स दूर बताया जा रहा है। अंकुर ने बताया कि उन्होंने वहां के दोस्तों और रिश्तेदारों को मौके पर भेजने की कोशिश की, लेकिन दूरी बहुत ज्यादा होने के कारण उन्हें वहां पहुंचने में दो दिन का समय लग जाएगा। अंकुर ने बताया कि आशीष को अमेरिका भेजने के लिए परिवार ने लोन लिया और रिश्तेदारों से भी पैसे उधार लिए। सभी को भरोसा था कि आशीष वहां जाकर मेहनत करेगा और धीरे-धीरे सब कर्ज चुका देगा। लेकिन हादसे की खबर ने परिवार को हिला कर रख दिया।

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आशीष मेहनती और जिम्मेदार स्वभाव का लड़का था

रिश्तेदारों और पड़ोसियों का कहना है कि आशीष मेहनती और जिम्मेदार स्वभाव का लड़का था। अंकुर का कहना है कि आशीष जब भी गाड़ी चलाने निकलता था तो पूरी तरह फ्रेश होकर निकलता था। वह न तो थका हुआ था और न ही लापरवाह। इसलिए हादसा नींद की वजह से हुआ, यह बात मानना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि असल कारण का पता तभी चल सकेगा जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आएगी। अंकुर ने बताया कि परिवार ने अमेरिका में रहने वाले अपने कुछ परिचितों और दोस्तों को उस अस्पताल में भेजा है जहां आशीष का शव रखा गया है। लेकिन दूरी बहुत ज्यादा होने के कारण उन्हें भी दो दिन बाद ही वहां पहुंचने की संभावना है। असल स्थिति तभी साफ हो पाएगी जब उनके दोस्त वहां मौके पर पहुंचेंगे।

माता-पिता और दोनों भाइयों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा

आशीष के माता-पिता और दोनों भाइयों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। परिवार का कहना है कि छोटे बेटे के सपनों को पूरा करने के लिए उन्होंने कर्ज तक ले लिया था। बड़ा भाई अंकित मान झज्जर में ऑटोलिव कंपनी में काम करता है, जबकि अंकुर खुद जीवन बैंक में कलेक्शन का काम करता है। परिवार की जिम्मेदारी छोटे बेटे पर भी थी और उसकी मौत ने सबको तोड़कर रख दिया है। घर पर माहौल ऐसा है कि हर कोई आशीष के नाम की ही चर्चा कर रहा है। मां का रो-रोकर बुरा हाल है और पिता गुमसुम बैठे हैं। भाई भी सदमे से उबर नहीं पा रहे। सभी को अब भी विश्वास नहीं हो रहा कि जो बेटा, भाई कल तक रोज फोन पर बात करता था, अब हमेशा के लिए खामोश हो गया है।

यह सपनों का सफर बीच रास्ते में ही थम गया

आशीष ने अमेरिका जाकर घरवालों के सपनों को पूरा करने की ठानी थी। उसने मेहनत और लगन से ट्रक ड्राइविंग शुरू की थी। परिवार को भरोसा था कि एक दिन उनका बेटा कामयाबी हासिल करेगा और सबका सहारा बनेगा। लेकिन यह सपनों का सफर बीच रास्ते में ही थम गया और अब सिर्फ यादें और आंसू ही बाकी हैं।

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