प्रवीण वालिया, करनाल, India News (इंडिया न्यूज), Karnal International School : करनाल इंटरनेशनल स्कूल देशभक्ति के रंगों में सराबोर दिखाई दिया, जब यहाँ 79वाँ स्वतंत्रता दिवस बड़े उत्साह और भावनाओं के साथ मनाया गया। मुख्य अतिथि विजय सेतिया, प्रबंध निदेशक, मैसर्ज चमन लाल सेतिया एक्सपोर्ट्स लिमिटेड, करनाल का स्कूल प्रबंधन द्वारा गर्मजोशी और सम्मानपूर्वक स्वागत किया गया।
भारत स्वावलंबी अभियान टीम की उपस्थिति
कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए भारत स्वावलंबी अभियान टीम के अन्य विशिष्ट अतिथि भी उपस्थित रहे। उन्होंने मेधावी विद्यार्थियों को ₹2,100/- की नगद राशि देकर सम्मानित किया और सभी को अपने दैनिक जीवन में स्वदेशी उत्पाद अपनाने के लिए प्रेरित किया, जिससे आत्मनिर्भरता और देशप्रेम को बढ़ावा मिले।
ध्वजारोहण और राष्ट्रगान से कार्यक्रम की शुरुआत
सुबह का कार्यक्रम ध्वजारोहण समारोह से आरंभ हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि श्री विजय सेतिया, चेयरमैन कर्नल अरुण दत्ता, डायरेक्टर श्री प्रकाश जोशी, श्री जितेंद्र अहलावत (एम.डी. जेनेसिस क्लासेस), प्रिंसिपल सुश्री गरिमा शर्मा और विद्यार्थी गर्व से खड़े होकर राष्ट्रगान गा रहे थे। विद्यार्थियों ने पारंपरिक तरीके से तिलक और बैज लगाकर अतिथियों का स्वागत किया।
सरस्वती वंदना और स्वतंत्रता सेनानियों की झलक
कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती की वंदना से हुई। इसके बाद नन्हे-मुन्ने बच्चों ने स्वतंत्रता सेनानियों का रूप धरकर आज़ादी के दौर के प्रसिद्ध नारे सुनाए। इस मनमोहक प्रस्तुति ने सभा में मौजूद सभी को भावविभोर कर दिया और पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा।
“ऑपरेशन सिंदूर” ने जीता सबका दिल
दिन का मुख्य आकर्षण रहा सांस्कृतिक कार्यक्रम “ऑपरेशन सिंदूर”, जो सशस्त्र बलों की वीरता और बलिदान को समर्पित एक भावपूर्ण श्रद्धांजलि थी। इस प्रस्तुति ने दर्शकों की आँखों में आँसू ला दिए। मुख्य अतिथि ने विद्यार्थियों के आत्मविश्वास और प्रतिभा की सराहना करते हुए उन्हें स्वस्थ आहार अपनाने की प्रेरणा दी।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और कृष्ण लीला
प्रोफ़ेसर सतीश धवन सभागार में देशभक्ति गीतों, जोश से भरे नृत्यों और प्रेरणादायक प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोह लिया।
भव्य समापन रंगारंग कृष्ण लीला के साथ हुआ, जिसमें प्रेम, भक्ति और आनंद का सुंदर चित्रण किया गया।
राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन
कार्यक्रम का समापन एक बार फिर राष्ट्रगान के साथ हुआ। पूरे सभागार में गर्व, एकता और देश के रक्षकों के प्रति गहरी कृतज्ञता का वातावरण व्याप्त हो गया।