India News (इंडिया न्यूज), Doctors Protest Against Geo-Fencing : हरियाणा में स्वास्थ्य विभाग में जियो फेंसिंग हाज़िरी सिस्टम का शुरू होने से पहले ही बड़े स्तर पर विरोध हो गया है। चिकित्सकों ने इसे उनके मौलिक अधिकारों का हनन करना व तुगलकी फरमान बताकर तुरंत इस फैसले को वापस लेने की मांग की है। बता दें कि हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग में अब बायोमेट्रिक की बजाय जियो फेंसिंग सिस्टम से हाजिरी लगाने के आदेश जारी हुए हैं। पर ये आदेश लागू होने से पहले ही हरियाणा भर के स्वास्थ्य कर्मचारियों व चिकित्सकों ने विरोध का बिगुल बजा दिया है।
चिकित्सकों ने एक घंटे का सांकेतिक धरना दिया
आज हर जिला में चिकित्सकों ने इसके विरोध में एक घंटे का सांकेतिक धरना दिया। सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर तुरंत इस फैसले को वापस लेने की मांग की गई। सिरसा, भिवानी, रेवाड़ी, बहादुरगढ़, पंचकुला, पानीपत, करनाल सहित तक़रीबन सभी जिलों में जिओ फेंसिंग के विरोध में प्रदर्शन किया गया। सभी शहरों के हालत ऐसे थे कि जैसे ही दो दिनों की सरकारी छुट्टी के बाद सोमवार को मरीज नागरिक अस्पतालों में पहुंचे तो पता चला कि डॉक्टर अपना कामकाज छोड़ धरने पर बैठे हैं, जिससे उनकी परेशानी ओर बढ़ गई।
जब तक सरकार द्वारा यह आदेश वापिस नहीं लिए जाते विरोध जारी रहेगा
हालांकि डॉक्टरों के द्वारा सुबह 10 से लेकर 11 बजे तक ही पेन डाउन कर विरोध जताया गया था, लेकिन तब तक मरीजों की अच्छी खासी भीड़ उमड़ पड़ी और डॉक्टरों के द्वारा काम काज शुरू होने पर ही मरीजों को राहत मिली। डॉक्टरों और कर्मचारियों ने सरकार के द्वारा जिओ फेंसिंग आधारित हाजिरी सिस्टम को लेकर विरोध जताया। डॉक्टरों ने इससे अपनी निजता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन बताया और विरोध करते हुए ओपीडी को एक घंटे तक बंद कर दिया। इस दौरान अस्पताल में मरीजों की लंबी लाइन लग गई। वहीं पर डॉक्टरों ने बताया कि जब तक सरकार द्वारा यह आदेश वापिस नहीं लिए जाते विरोध जारी रहेगा।
क्या है जिओ फेंसिंग एप
जिओ फेंसिंग ऐप के जरिए डॉक्टरों और कर्मचारियों को अपने कार्यस्थल से 100 मीटर से अधिक दूर न जाए यह सुनिश्चित करता हैं। वहीं पर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि डॉक्टरों को अक्सर अपने काम के सिलसिले में अस्पताल में बाहर जाना पड़ता है और इस ऐप के जरिए उनकी लोकेशन ट्रैक करना उनके लिए परेशानी का सबब है। उन्होंने सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है और कहा है कि उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वे आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।
मरीज लाइनों में ही खड़े होकर डॉक्टरों का इंतजार करते रहे
वहीं पर डॉक्टरों के द्वारा ओपीडी बंद होने के कारण मरीज अपनी लाइनों में ही खड़े होकर डॉक्टरों का इंतजार करते रहे। पहले से ही चल रहा मरीजों ने डॉक्टरों के बाहर ही कैबिन में बैठकर इंतजार किया। गनीमत यह रही कि इस दौरान कोई इमरजेंसी केस नहीं आया। पानीपत सीएमओ विजय मलिक ने कहा कि सरकार द्वारा डॉक्टरों और कर्मचारियों को जिओ फेसिंग ऐप से हाजिरी लगाने को कहा गया है जिससे डॉक्टरों के द्वारा विरोध किया और उन्होंने एक ज्ञापन सौंपा हैं जिससे सरकार तक पहुंचा दिया जाऐगा। निर्णय लेना सरकार का काम है।