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स्वच्छता सर्वेक्षण में स्थानीय निकाय मंत्री का ‘खुद का शहर’ भी पिछड़ गया, सैलजा ने ली चुटकी, बोलीं – स्टार रैंकिंग में प्रदेश के शहर पिछला इतिहास भी नहीं दोहरा पाए

खिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा में भाजपा शासन में कचरा प्रबंधन का कार्य उपेक्षित रहा, इसे लेकर जो भी कार्य हुआ वह सिर्फ कागजों तक सीमित रहा। कांग्रेस शासन में शुरू हुई थी व्यवस्था को भाजपा सरकार संभाल तक नहीं पाई यही वजह है कि आज प्रदेश कचरा घर बनता जा रहा है।

Written By: Anurekha Lambra
Last Updated: July 19, 2025 18:57:49 IST

India News (इंडिया न्यूज), Kumari Selja : अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा में भाजपा शासन में कचरा प्रबंधन का कार्य उपेक्षित रहा, इसे लेकर जो भी कार्य हुआ वह सिर्फ कागजों तक सीमित रहा। कांग्रेस शासन में शुरू हुई थी व्यवस्था को भाजपा सरकार संभाल तक नहीं पाई यही वजह है कि आज प्रदेश कचरा घर बनता जा रहा है। स्वच्छता सर्वेक्षण-2024 में कई शहरों की स्टार रैंकिंग में गिरावट दर्ज की गई यहां तक कि प्रमुख शहरों को कोई स्टार रैंक तक नहीं मिल पाई। प्रदेश सरकार को अपनी पीठ थपथपाने के बजाए इस बात पर चिंतन करना चाहिए कि अरबों रुपये खर्च करने के बावजूद कहां कमी रह गई किसकी लापरवाही से रैंक गिरी या रैंक में सुधार नहीं हुआ।

रोहतक को पहले 07 स्टार मिले थे इस बार एक ही मिला

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा के शहरी स्वच्छता हालात पर हालिया स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 की रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य में कचरा प्रबंधन की दिशा में कोई ठोस कार्य नहीं किया गया। अमर उजाला में छपी रिपोर्ट के अनुसार, स्वच्छता में हरियाणा के कई शहर पिछड़ गए हैं और अधिकतर शहरी निकायों में 03 स्टार से नीचे की रेटिंग पाई है, जो बेहद चिंताजनक है। कई शहर तो एक भी स्टार पाने में विफल रहे हैं। रोहतक को पहले 07 स्टार मिले थे इस बार एक ही मिला है, करनाल को सात मिले थे इस बार तीन ही मिले है, गुरूग्राम को पांच मिले थे इस बार एक भी नहीं मिला।

प्रदेश के अधिकतर शहर गंदगी और कचरे के ढ़ेर में तब्दील

अंबाला, फरीदाबाद, हिसार, पंचकूला, यमुनानगर को पहले तीन-तीन स्टार मिले थे पर इस बार उनके हाथ खाली रहे। फरीदाबाद स्थानीय निकायमंत्री का खुद का शहर है फिर भी पिछड़ गया, इसे तो स्मार्ट सिटी में शामिल किया गया था, सरकार ने भारी भरकम राशि खर्च की थी। कचरा प्रबंधन का बुरा हाल था, सत्ता पक्ष के लोग ही कूड़े की फोटो डालकर सरकार को चेताया करते थे।  यह विडंबना है कि जिस हरियाणा में कांग्रेस सरकार ने 2012 में दूरदर्शी कदम उठाते हुए अंबाला और सिरसा जैसे शहरों में प्रदेश के पहले कचरा प्रबंधन संयंत्र लगाए थे, वहीं वर्तमान भाजपा सरकार ने बीते वर्षों में इस दिशा में कोई विशेष कार्य नहीं किया। नतीजतन, प्रदेश के अधिकतर शहर गंदगी और कचरे के ढ़ेर में तब्दील हो चुके हैं।

रोहतक, करनाल, अंबाला भी इस रैंकिंग में पिछड़ गए

कुमारी सैलजा ने कहा है कि स्वच्छ भारत अभियान को लेकर बड़े-बड़े दावे तो किए गए, लेकिन जमीनी स्तर पर नतीजे बेहद निराशाजनक हैं। विशेष चिंता की बात यह है कि खुद मंत्रियों के शहर जैसे रोहतक, करनाल, अंबाला भी इस रैंकिंग में पिछड़ गए हैं। गुरुग्राम और पंचकूला जैसे प्रमुख शहरी केंद्र भी नागरिक सुविधाओं और कचरा प्रबंधन में असफल साबित हुए हैं।

स्वच्छता को केवल दिखावे की नहीं, बल्कि ठोस कार्य योजना की प्राथमिकता बनाए

शारजाह से सामाजिक कार्यकर्ताओं और प्रवासी भारतीय समुदाय ने हरियाणा के इस गिरते हुए स्वच्छता स्तर पर गहरी चिंता जताई है। उनका कहना है कि भाजपा शासन में कचरा प्रबंधन की अनदेखी ने हरियाणा को गंदगी और दुर्गंध का प्रदेश बना दिया है। कांग्रेस शासन में जिस योजना की नींव रखी गई थी, उसे निरंतरता मिलती तो आज परिणाम अलग होते।  हम सभी का यह दायित्व है कि हम इस स्थिति की गंभीरता को समझें और सरकार पर दबाव बनाएं कि वह स्वच्छता को केवल दिखावे की नहीं, बल्कि ठोस कार्य योजना की प्राथमिकता बनाए।

भाजपा विपक्ष की आवाज दबा नहीं सकती

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल की ईडी द्वारा गिरफ्तारी की निंदा करते हुए सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा सरकार के इशारे पर केंद्रीय एजेंसी ईडी राजनीतिक दबाव बनाने के लिए काम कर रही है। भाजपा सरकार कांग्रेस की बढ़ते जनाधार से घबराई हुई है। इसलिए केंद्र सरकार ईडी को सामने कर रही है। विपक्ष को डराने और उसकी आवाज़ दबाने का प्रयास कभी सफल नहीं होगा। लोकतंत्र में विरोधी विचारों को कुचलने के ऐसे हथकंडे निंदनीय हैं। भाजपा सरकार चाहे जितनी भी कोशिश कर ले, विपक्ष की आवाज़ को दबाया नहीं जा सकता।

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